उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक बिजली पता लगाने की प्रणाली लागू करेगा
| श्रेणी | विवरण | |----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | उत्तर प्रदेश सरकार एक प्रारंभिक बिजली पतन पहचान और चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रही है। | | उद्देश्य | बिजली गिरने से होने वाली मौतों को रोकना, विशेषकर मानसून के दौरान। | | प्रमुख तथ्य | | | - आईएमडी रिपोर्ट | उत्तर प्रदेश भारत में बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतों वाले राज्यों में शामिल है। | | - तकनीक | समय आगमन (टीओए)-आधारित प्रणाली, जो सटीक और वास्तविक समय में बिजली पतन का पता लगाती है। | | - वर्तमान आईएमडी प्रणाली| रडार-आधारित प्रणाली और उपग्रह डेटा का उपयोग करती है, जो वास्तविक समय में नहीं मानी जाती। | | - टीओए प्रणाली का लाभ | बिजली गिरने का कम से कम 30 मिनट पहले पता लगाकर चेतावनी दे सकती है। | | - कार्यान्वयन चरण | | | - चरण 1 | 37 जिले। | | - चरण 2 | 20 जिले। | | - चरण 3 | 18 जिले। | | रडार के बारे में | माइक्रोवेव क्षेत्र में विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उपयोग करके वस्तुओं की स्थिति, ऊंचाई और गति का पता लगाता है। | | आईएमडी के बारे में | | | - स्थापना | 1875। | | - भूमिका | भारत की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा। | | - मंत्रालय | पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार। | | - मुख्यालय | नई दिल्ली। | | - डब्ल्यूएमओ मान्यता | विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक। |

