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तमिलनाडु ने निलगिरी तहर के संरक्षण के लिए सर्वे शुरू किया

तमिलनाडु ने निलगिरी तहर के संरक्षण के लिए सर्वे शुरू किया
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तमिलनाडु ने निलगिरी तहर के संरक्षण के लिए सर्वे शुरू किया

| पहलू | विवरण | |-----------------------------|--------------------------------------------------------------------| | घटना | तमिलनाडु सरकार द्वारा नीलगिरि तहर का सर्वेक्षण | | अवधि | तीन दिन | | उद्देश्य | नीलगिरि तहर की बेहतर समझ और संरक्षण | | सहयोगी संगठन | भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII), वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF), इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) | | प्रजाति | नीलगिरि तहर | | स्थिति | लुप्तप्राय (IUCN), वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I | | आवास | पश्चिमी घाट, विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल, नीलगिरि पहाड़ियाँ और पूर्वी घाट, 1,200 से 2,600 मीटर, पर्वतीय घास के मैदान, शोला वन | | खतरे | आवास की हानि, विखंडन, अवैध शिकार, पशुधन के साथ प्रतिस्पर्धा, वनों की कटाई, कृषि, बुनियादी ढांचे का विकास | | संरक्षण पहल | एराविकुलम और मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान, कैप्टिव प्रजनन कार्यक्रम | | IUCN | वैश्विक संरक्षण प्राधिकरण, स्थापना 1948 में |

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