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| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | मैलानी-नानपारा रेल मार्ग को विरासत मार्ग घोषित किया गया | | स्थान | मैलानी-नानपारा रेलवे लाइन, जो दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है। | | मुख्य घोषणा | भारतीय रेलवे ने 171 किमी मैलानी-नानपारा मीटर गेज रेलवे लाइन को विरासत मार्ग घोषित किया | | ऐतिहासिक महत्व | 130 साल से अधिक पहले अंग्रेजों द्वारा निर्मित, इसमें 16 स्टेशन, 71 पुल और मैलानी और नानपारा में दोहरी गेज स्टेशन हैं | | पहला संरक्षित मार्ग | मैलानी-दुधवा, उत्तर पूर्वी रेलवे (NER) में संरक्षित की जाने वाली पहली मीटर-गेज लाइन है | | सतत पर्यटन | NER की योजना है कि मैलानी और दुधवा जैसे प्रमुख स्टेशनों पर पारंपरिक रेलवे उपकरणों को संरक्षित किया जाए, मीटर-गेज डीजल इंजन को बरकरार रखा जाए। | | विरासत पर्यटन | पहल 2022 में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा उद्घाटन की गई मैलानी-बिछिया एसी पर्यटक कोच के साथ शुरू की गई | | अपेक्षित प्रभाव | इससे पर्यावरण-पर्यटन को बढ़ावा मिलने, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होने और स्थानीय आजीविका को समर्थन मिलने की उम्मीद है | | हालिया घटनाक्रम | - लखीमपुर-मैलानी ब्रॉड गेज सेक्शन खोला गया, जो पीलीभीत तक विस्तारित है।<br>- बहराइच से नेपालगंज रोड सेक्शन को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ब्रॉड-गेज ट्रैक के रूप में कमीशन किया गया। | | विशेष कार्यक्रम | अप्रैल 2025: "स्टेशन महोत्सव" के दौरान मैलानी से दुधवा तक विशेष विरासत एसी पर्यटक ट्रेन चलाई गई, जो गोरखपुर जंक्शन के 140 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाती है। | | दुधवा राष्ट्रीय उद्यान | - 1977 में स्थापित, लखीमपुर खीरी जिले, उत्तर प्रदेश में स्थित<br>- 1987 में बाघ अभयारण्य घोषित | | जैव विविधता | बंगाल बाघों, तेंदुओं, हाथियों, स्लॉथ भालू, भारतीय गैंडों और 450 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर | | संरक्षण पहल | - आवास पुनर्स्थापना<br>- दलदली हिरण और बारहसिंगा जैसे लुप्तप्राय प्रजातियों का पुन: परिचय<br>- सतत पर्यटन के लिए पर्यावरण-पर्यटन कार्यक्रम विकसित किए गए |

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