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ITER: संलयन ऊर्जा का भविष्य

ITER: संलयन ऊर्जा का भविष्य
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ITER: संलयन ऊर्जा का भविष्य

| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण | | --- | --- | | खबरों में क्यों? | आईटीईआर: फ्यूजन ऊर्जा का भविष्य | | प्रकार | मैग्नेटिक कॉन्फाइनमेंट फ्यूजन रिएक्टर (टोकामक) | | स्थान | फ्रांस | | भाग लेने वाले राष्ट्र | 35 (अमेरिका, चीन, भारत, यूरोपीय संघ, जापान, कोरिया, रूस सहित) | | उद्देश्य | बर्निंग प्लाज्मा के माध्यम से स्थायी फ्यूजन ऊर्जा प्राप्त करना | | मुख्य लक्ष्य | 400-600 सेकंड के लिए फ्यूजन गेन (Q > 10) | | प्लाज्मा तापमान | 150 मिलियन °C (सूर्य के कोर से 10 गुना अधिक गर्म) | | प्लाज्मा आकार | 6.2 मीटर प्लाज्मा त्रिज्या, 840m³ आयतन | | मैग्नेटिक कॉन्फाइनमेंट सिस्टम | सेंट्रल सोलेनॉइड, पोलॉइडल मैग्नेट्स, टोरॉइडल-फील्ड कॉइल्स, करेक्शन कॉइल्स, क्रायोस्टैट | | भारत का योगदान | क्रायोस्टैट, कूलिंग सिस्टम, हीटिंग सिस्टम, डायग्नोस्टिक्स, शील्डिंग सामग्री | | भारत का योगदान % | कुल परियोजना लागत का 9% | | महत्व | भविष्य का स्वच्छ ऊर्जा स्रोत, बर्निंग प्लाज्मा में बड़ी सफलता |

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