| श्रेणी | विवरण | |---------------------------|------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | इंदौर चिड़ियाघर में विदेशी बाइसन और शुतुरमुर्ग लाए गए | | स्थान | इंदौर चिड़ियाघर, मध्य प्रदेश, भारत | | मुख्य बातें | - चार भारतीय बाइसन (रूद्र, तुलसी, कल्कि, ताप्ती) और शुतुरमुर्गों के दो जोड़े इंदौर चिड़ियाघर में शामिल किए गए। <br> - जानवरों का आदान-प्रदान बाघ प्रजनन और विनिमय कार्यक्रम के तहत शिमोगा चिड़ियाघर, कर्नाटक के साथ किया गया। <br> - मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चिड़ियाघर परिसर में मध्य भारत का सबसे आकर्षक एक्वेरियम बनाने की योजना की घोषणा की। | | | भारतीय बाइसन (गौर) | - विश्व स्तर पर सबसे बड़ी जंगली मवेशी प्रजाति। <br> - अनुमानित वैश्विक आबादी: 13,000-30,000, जिसमें 85% भारत में हैं। <br> - निवास स्थान: पश्चिमी घाट, म्यांमार, थाईलैंड। <br> - संरक्षण स्थिति: आईयूसीएन द्वारा असुरक्षित (Vulnerable), वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची I। | | शुतुरमुर्ग | - सबसे बड़े जीवित पक्षी, ऊंचाई: 2-2.8 मीटर, वजन: 90-160 किलोग्राम। <br> - अफ्रीकी सवाना और रेगिस्तान के मूल निवासी। <br> - 43 मील प्रति घंटे की गति से दौड़ने में सक्षम। <br> - आईयूसीएन स्थिति: कम चिंताजनक (Least Concern)। | | वन्यजीव पहल| - मुख्यमंत्री ने चिड़ियाघर के सफल ज़ेबरा प्रजनन कार्यक्रम को वन्यजीव देखभाल के मॉडल के रूप में सराहा। <br> - जानवरों के प्रति करुणा और पर्यावरणीय प्रणाली में उनकी भूमिका पर जोर। <br> - नए एक्वेरियम का उद्देश्य पर्यावरण-पर्यटन और जलीय जैव विविधता जागरूकता को बढ़ावा देना है।|

