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भारत और मंगोलिया ने भूविज्ञान और संसाधन खोज के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारत और मंगोलिया ने भूविज्ञान और संसाधन खोज के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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भारत और मंगोलिया ने भूविज्ञान और संसाधन खोज के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

| समाचार में क्यों | मुख्य बिंदु | |--------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | भारत ने मंगोलिया के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए | भारत ने मंगोलिया के साथ भूविज्ञान और अन्वेषण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य संसाधन सुरक्षा को बढ़ाना और आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविधता प्रदान करना है। | | समझौता ज्ञापन का दायरा | इसमें भूवैज्ञानिक अध्ययन और अन्वेषण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है; खनन क्षेत्र में भारतीय और मंगोलियाई संस्थाओं के बीच सहयोग। | | सामरिक महत्व | मंगोलिया में तांबे और कोकिंग कोयले के समृद्ध भंडार, भारत को उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल प्रदान करेंगे, जिससे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होगी। | | आपूर्ति मार्ग पर विचार | कुशल आपूर्ति मार्गों पर चर्चा जारी है; भारत भूराजनीतिक जोखिमों के कारण चीन के बजाय रूस के व्लादिवोस्तोक मार्ग को प्राथमिकता देता है, भले ही यह दूरी में अधिक है। | | प्रभावित प्रमुख उद्योग | तांबा और कोकिंग कोयला भारत के बिजली, निर्माण और इस्पात उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। | | भूराजनीतिक रणनीति | भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के बीच महत्वपूर्ण औद्योगिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए मंगोलिया के साथ सामरिक साझेदारी मजबूत कर रहा है। |

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