आंध्र प्रदेश ने 2047 तक गरीबी मिटाने के लिए 'जीरो पॉवर्टी - पी4' नीति शुरू की
| पहलू | विवरण | |-------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | पहल का नाम | शून्य गरीबी - पी4 नीति | | आरंभ तिथि | उगादी, तेलुगू नया साल (30 मार्च, 2025) | | विज़न | स्वर्ण आंध्र-2047 के तहत 'पदि सूत्रलू' (दस सिद्धांत) का हिस्सा | | उद्देश्य | आंध्र प्रदेश में 2047 तक गरीबी को जड़ से मिटाना | | पी4 मॉडल | सार्वजनिक, निजी और जनता की साझेदारी के जरिए टिकाऊ और समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास | | मुख्य फोकस क्षेत्र | आवास, स्वच्छता, 100% नल जल कनेक्शन, एलपीजी कनेक्शन, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति, छत पर सौर ऊर्जा प्रोत्साहन, हाई-स्पीड इंटरनेट, उद्यमिता के अवसर | | लाभार्थी मॉडल | बंगारू कुतुंबम (स्वर्ण परिवार): वंचित परिवार जो वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और संसाधन प्राप्त करेंगे | | योगदानकर्ता मॉडल | मार्गदर्शी (अमीर योगदानकर्ता): उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (HNIs), तेलुगू डायस्पोरा और संपन्न परिवार जो बंगारू कुतुंबम को वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से सहायता देंगे | | मुख्यमंत्री का बयान | नारा चंद्रबाबू नायडू ने शीर्ष 10% अमीर व्यक्तियों से आग्रह किया कि वे निचले 20% वंचित आबादी का समर्थन करें। | | सरकार की भूमिका | डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर बंगारू कुतुंबम की पहचान, नीति निर्माण और निगरानी; वित्तीय लेन-देन में कोई हस्तक्षेप नहीं | | मार्गदर्शी की भूमिका | पी4 प्लेटफॉर्म के माध्यम से परिवारों का चयन, वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन, शिक्षा या व्यवसाय समर्थन प्रदान करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना | | वित्तीय तंत्र | परिवार पी4 प्लेटफॉर्म पर अपनी आवश्यकताओं की स्व-रिपोर्ट करेंगे, धनराशि सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा सत्यापित होगी, लेन-देन पी4 प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाएंगे | | प्राथमिकता वाले परिवार | 20 लाख सबसे वंचित परिवार जिन्हें मार्गदर्शी द्वारा अपनाने की प्राथमिकता दी जाएगी | | पी4 सोसाइटी | राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र और ग्राम सचिवालय स्तर पर गठित | | मुख्य हितधारक | सार्वजनिक प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, उद्योग नेता, परोपकारी, CSR प्रमुख, सिविल सोसाइटी संगठन |

