दुनिया का पहला एशियाई राजगिद्ध संरक्षण केंद्र
| पहलू | विवरण | |----------------------------------|---------------------------------------------------------------------------| | आयोजन | एशियाई किंग वल्चर (राजगिद्ध) के लिए दुनिया का पहला संरक्षण और प्रजनन केंद्र की स्थापना। | | स्थान | महाराजगंज जिला, उत्तर प्रदेश, भारत। | | केंद्र का नाम | जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र। | | प्रजाति | एशियाई किंग वल्चर (लाल सिर वाला गिद्ध)। | | संरक्षण स्थिति | गंभीर रूप से संकटग्रस्त (IUCN रेड लिस्ट 2007 से); अनुसूची 1 (WPA, 1972)। | | गिरावट का कारण | आवास हानि और डाइक्लोफेनाक विषाक्तता। | | केंद्र में वर्तमान जनसंख्या | 1 नर और 1 मादा; 3 मादाएं एवियरी में नर की प्रतीक्षा में। | | एवियरी का आकार | 20 फीट x 30 फीट। | | उद्देश्य | प्रजनन और प्राकृतिक आवास में छोड़कर जनसंख्या में सुधार करना। | | निगरानी | गिद्धों की 24x7 निगरानी। | | भविष्य की योजना | सफल प्रजनन और अंडे देने के बाद जोड़ों को प्राकृतिक आवास में छोड़ना। | | महत्व | इस गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति के लिए दुनिया का पहला ऐसा केंद्र। |

