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2024 विश्व धरोहर समिति बैठक और चोराइदेवो मोइदम्स का सांस्कृतिक महत्व

2024 विश्व धरोहर समिति बैठक और चोराइदेवो मोइदम्स का सांस्कृतिक महत्व
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2024 विश्व धरोहर समिति बैठक और चोराइदेवो मोइदम्स का सांस्कृतिक महत्व

| पहलू | विवरण | |--------------------------------|------------------------------------------------------------------------------| | आयोजन | विश्व धरोहर समिति का 46वाँ सत्र | | मेज़बान देश | भारत | | स्थल | भारत मंडपम, नई दिल्ली | | तिथियाँ | 21 जुलाई से 31 जुलाई 2024 | | नामांकन | दुनिया भर से 27 नामांकन: 19 सांस्कृतिक, 4 प्राकृतिक, 2 मिश्रित, और 2 सीमा परिवर्तन | | भारत का नामांकन | मोइडम्स (अहोम राजवंश की समाधि प्रणाली) सांस्कृतिक धरोहर के रूप में | | ऐतिहासिक संदर्भ | ताई-अहोम कबीले का चीन से प्रवास और 12वीं से 18वीं शताब्दी ईस्वी तक ब्रह्मपुत्र घाटी में बसना | | महत्वपूर्ण स्थल | चोराइडेओ, चाउ-लुंग सिउ-का-फा के तहत पहली राजधानी | | वास्तुशिल्प विशेषताएँ | मेहराबदार कक्ष, मेहराबदार मार्ग, ईंटों, मिट्टी और वनस्पति की परतें | | सांस्कृतिक महत्व | ताई-अहोम लोगों के जीवन, मृत्यु और मृत्यु के बाद के संबंध में विश्वास को दर्शाता है; मोइडम्स का सबसे बड़ा समूह | | संरक्षण प्रयास | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और असम राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा पुनर्स्थापना | | तुलनाएँ | प्राचीन चीन और मिस्र के पिरामिडों से समानता | | प्रतीकात्मकता | ताई-अहोम विरासत, विश्वास, रीति-रिवाजों और वास्तुकला कौशल को प्रदर्शित करता है |

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