बुनियादी सुविधाओं के अभाव में, जिला अदालतें हाइब्रिड सुनवाई करने के लिए संघर्ष कर रही हैं
- हाइब्रिड सुनवाई के लिए उपकरणों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण दिल्ली की जिला अदालतों में कानूनी कार्यवाही में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
- इसके चलते न्यायाधीश मोबाइल फोन पर सुनवाई कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि
- हाइब्रिड सुनवाई के सुचारू कामकाज के लिए उचित बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को संबोधित करते हुए वर्ष 2021 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
- दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा हाइब्रिड सुनवाई पर दिशानिर्देश जारी करने के बावजूद, उपकरणों में कमियाँ बनी हुई हैं।
हाइब्रिड हियरिंग सिस्टम
- हाइब्रिड सुनवाई एक पक्ष को वस्तुतः शामिल होने की अनुमति देती है जबकि दूसरा भौतिक रूप से उपस्थित होता है।
- उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों को निर्देश दिया कि वे किसी भी पक्ष को शारीरिक रूप से या वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने की अनुमति दें, लेकिन आवश्यक उपकरणों की कमी एक चुनौती बनी हुई है।
- इस कमी में माइक्रोफ़ोन, स्पीकर, कैमरे और वीडियो डिस्प्ले इकाइयाँ शामिल हैं, जो प्रभावी संचार में बाधा डालती हैं।
- कुछ जिला अदालतों में वाई-फाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- जनहित याचिका (PIL)
- हाइब्रिड हियरिंग सिस्टम

