पश्चिम बंगाल में पिछड़े वर्गों की पहचान का नया सर्वेक्षण
| पहलू | विवरण | |------------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | सरकारी कार्रवाई | पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि राज्य की पिछड़ा वर्ग आयोग नए सर्वेक्षण शुरू कर रही है जिसमें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े समुदायों (SEBC) की पहचान कर ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा। | | उच्च न्यायालय का निर्णय | कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की उस नीति को रद्द कर दिया जिसमें कई जातियों, ज्यादातर मुस्लिम समुदायों, को ओबीसी लिस्ट में शामिल किया गया था। | | उच्च न्यायालय की टिप्पणियाँ | धर्म एकमात्र मापदंड था; 77 मुस्लिम वर्गों को शामिल करना अनुचित बताया गया। | | नया सर्वेक्षण | पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग पिछड़े समुदायों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कर रहा है। | | सुप्रीम कोर्ट का प्रश्न | सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल से सर्वेक्षण की विधि और दायरे को स्पष्ट करने के लिए कहा। | | उच्च न्यायालय के निर्णय का प्रभाव | 2010 से जारी पाँच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र प्रभावित हुए; नौकरी पाने वाले अप्रभावित रहेंगे। | | 2012 अधिनियम का रद्द होना | उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2012 के धारा 16, 2(h) (भाग 2), और 5(a) को रद्द कर दिया। | | ओबीसी वर्ग हटाया गया | अधिनियम की अनुसूची I से ओबीसी-ए और ओबीसी-बी वर्ग हटा दिए गए। |

