वक्फ संशोधन विधेयक 2024: मुख्य बदलाव और प्रभाव
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | विधेयक का नाम | वक्फ संशोधन विधेयक | | उद्देश्य | भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार करना | | मुख्य लक्ष्य | वंचित समुदायों के लिए वक्फ संपत्तियों के शासन में सुधार करना | | प्रस्तावित संशोधनों की कुल संख्या | 66 (23 भाजपा सांसदों द्वारा, 44 विपक्षी सांसदों द्वारा) | | अनुमोदित संशोधन | 14 (भाजपा और एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित) | | अस्वीकृत संशोधन | 44 (विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तावित) | | संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की संरचना | 31 सदस्य (16 भाजपा/एनडीए, 13 विपक्ष, 1 वाईएसआर कांग्रेस, 1 मनोनीत सदस्य) | | मुख्य अनुमोदित संशोधन | - राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सीईओ और सदस्यों को शामिल करना | | | - केंद्रीय वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, सांसद, पूर्व न्यायाधीश आदि को शामिल करना | | | - संपत्ति विवादों का निपटारा वक्फ ट्रिब्यूनल के बजाय राज्य कलेक्टर्स द्वारा किया जाएगा | | अस्वीकृत विपक्षी संशोधन | - अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व में वृद्धि | | | - विवादों में वक्फ ट्रिब्यूनल की अधिकारिता बनाए रखना | | | - बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित करना | | समयरेखा | - प्रारंभिक समयसीमा: 29 नवंबर, 2024 | | | - विस्तारित समयसीमा: 13 फरवरी, 2025 | | | - अंतिम मतदान: 29 जनवरी, 2025 | | | - रिपोर्ट प्रस्तुति: 31 जनवरी, 2025 |

