उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद की शक्तियों और विशेषाधिकारों पर पुस्तक लॉन्च की
| सारांश/स्थिर | विवरण | | --- | --- | | समाचार में क्यों? | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डॉ. के.एस. चौहान की संसद की शक्तियों, कार्यों और विशेषाधिकारों पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया। | | उपराष्ट्रपति का संबोधन | - डॉ. चौहान की संसदीय कानून के प्रति समर्पण की प्रशंसा की। <br> - संसद को लोकतंत्र की आधारशिला और उसकी जवाबदेही के रूप में महत्व पर जोर दिया। <br> - जनता के विश्वास और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए एक कार्यात्मक संसद की आवश्यकता पर बल दिया। | | पुस्तक का शीर्षक | संसद: शक्तियाँ, कार्य और विशेषाधिकार; एक तुलनात्मक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य | | पुस्तक के मुख्य विषय | - सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने में संसद की भूमिका। <br> - संसदीय विशेषाधिकारों और उनके जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग का महत्व। <br> - लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में संवाद, बहस और विचार-विमर्श का महत्व। | | गणमान्य व्यक्तियों के विचार | - पी.सी. मोदी (राज्यसभा के महासचिव) और भारत के महान्यायवादी ने डॉ. चौहान के कार्य की सराहना की। <br> - पुस्तक को नीति निर्माताओं, कानून के छात्रों और संसद सदस्यों के लिए एक मूल्यवान संसाधन बताया। | | उपराष्ट्रपति के विचार | - डॉ. चौहान के साथ अपने लंबे संबंधों को उजागर किया। <br> - संसद की कार्यप्रणाली के अध्ययन में डॉ. चौहान के वर्षों के समर्पण की सराहना की। <br> - पुस्तक को संसद की जटिलताओं को समझने के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शक बताया। |

