कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों की यात्रा: मानसखंड कॉरिडोर यात्रा
| पहलू | विवरण | |--------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | उत्तराखंड का मानसखंड कॉरिडोर यात्रा | | आयोजक | उत्तराखंड पर्यटन विभाग और भारतीय रेलवे के सहयोग से | | उद्देश्य | कुमाऊँ क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों को लोकप्रिय बनाना | | रेल सेवा | पुणे से पिथौरागढ़ जिले के तनकपुर तक समर्पित ट्रेन | | यात्री क्षमता | दो बैचों में 600 से अधिक तीर्थयात्री | | प्रमुख गंतव्य | तनकपुर, चम्पावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, उधम सिंह नगर और नैनीताल के मंदिर | | प्रमुख मंदिर | बालेश्वर, मनेश्वर, मायावती, हाट कालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वर, गोलू देवता, नंदा देवी, कासार देवी, काटारमल, नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा, नैना देवी | | कुमाऊँ क्षेत्र | छह जिलों से बना है: अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर | | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | मानसखंड और कुरमांचल के नाम से जाना जाता है; कई हिंदू राजवंशों द्वारा शासित; 1816 में कुमाऊँ डिवीजन स्थापित | | राज्य गठन | उत्तराखंड को 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग कर बनाया गया |

