Banner
WorkflowNavbar

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों के लिए वृद्धाश्रम

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों के लिए वृद्धाश्रम
Contact Counsellor

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों के लिए वृद्धाश्रम

| श्रेणी | विवरण | |-------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | उत्तर प्रदेश सरकार ने 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम (old age home) सुविधाओं की घोषणा की। | | मुख्य सुविधाएं | पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, नियमित स्वास्थ्य जांच (health check-ups), पौष्टिक भोजन, दवाइयां, चिकित्सा देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श (mental health counselling), सामुदायिक गतिविधियाँ (community activities), पुस्तकालय (libraries), योग, ध्यान। | | उद्देश्य | ट्रांसजेंडर समुदाय का सामाजिक, आर्थिक और मानसिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना। | | ट्रांसजेंडर कल्याण नीति 2021 | उत्तर प्रदेश में लागू, जिसके तहत ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड (Transgender Welfare Board), गोरखपुर में गरिमा गृह (Garima Griha) और जिला एवं राज्य स्तर पर ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ (Transgender Protection Cells) स्थापित किए गए हैं। | | गरिमा गृह | ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल विकास प्रशिक्षण (skill development training) प्रदान करता है। | | ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ | पुलिस सुरक्षा, कानूनी सहायता, उत्पीड़न के मामलों (harassment cases) में कार्रवाई और सामाजिक पुनर्वास (social rehabilitation) प्रदान करते हैं। | | ट्रांसजेंडर परिभाषा | ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अनुसार, इसमें ट्रांस-मैन, ट्रांस-वुमन, इंटरसेक्स भिन्नताएँ (intersex variations) और जेंडर क्वीर (gender queer) शामिल हैं। | | जनगणना 2011 (Census 2011) | ट्रांसजेंडर जनसंख्या को शामिल करने वाली पहली जनगणना, जिसके अनुसार 4.8 मिलियन भारतीय ट्रांसजेंडर हैं। शीर्ष राज्य: उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र। | | आयुष्मान भारत योजना | दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना, जो प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये प्रदान करती है, जिसमें 1,949 चिकित्सा प्रक्रियाएँ, पहले से मौजूद बीमारियाँ (pre-existing diseases) और डिस्चार्ज के बाद 15 दिनों की दवाइयाँ शामिल हैं। | | पात्रता | सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC 2011) के अभाव (deprivation) और व्यावसायिक मानदंडों (occupational criteria) पर आधारित। |

Categories