यूपी डिजिटल लेनदेन और डीबीटी में अव्वल
| श्रेणी | विवरण | |----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | उत्तर प्रदेश ने भारत में डिजिटल लेनदेन में पहला स्थान हासिल किया। | | प्रमुख बिंदु | - 1,11,637 करोड़ रुपये 11 विभागों की 207 योजनाओं के तहत 9.08 करोड़ लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किए गए। <br> - 10,000 करोड़ रुपये की बचत दलालों को हटाकर की गई। <br> - 2023-24 में उत्तर प्रदेश की जीडीपी वृद्धि दर 11.6% रही, जो राष्ट्रीय औसत 9.6% से अधिक है। <br> - नीति आयोग द्वारा 'फ्रंट रनर' घोषित किया गया। <br> - यूपीआई, डिजिटल बैंकिंग, और गांवों में इंटरनेट की उपलब्धता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। | | प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना | - उद्देश्य: धन का तेज प्रवाह और धोखाधड़ी में कमी। <br> - शुरू की गई: 1 जनवरी, 2013। <br> - प्लेटफॉर्म: पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस)। <br> - घटक: लाभार्थी खाता सत्यापन, आरबीआई, एनपीसीआई और बैंकों के साथ भुगतान प्लेटफॉर्म। <br> - आधार: अनिवार्य नहीं, लेकिन विशिष्ट पहचान के लिए पसंदीदा। | | आर्थिक योगदान | उत्तर प्रदेश भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.2% हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। |

