उत्तर प्रदेश में चित्तू पांडेय की स्मृति में स्मारक
| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | समाचार घटना | उत्तर प्रदेश सरकार बलिया जिले में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के लिए एक स्मारक बनाएगी। | | चित्तू पांडेय के बारे में | भारत छोड़ो आंदोलन के क्रांतिकारी नेता, जिन्हें बलिया का शेर कहा जाता है। | | जन्म | 10 मई 1895 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रत्तूचक गांव में जन्म हुआ। | | स्वतंत्र सरकार| 19 अगस्त 1942 को बलिया में एक अस्थायी राष्ट्रीय सरकार की स्थापना का नेतृत्व किया। | | भूमिका | अंतरिम प्रशासक के रूप में सेवा की; कुछ दिनों बाद सरकार ने कलेक्टर को सत्ता सौंप दी। | | गिरफ्तारी | ब्रिटिश सेना ने बलिया को पुनः कब्जे में लिया और चित्तू पांडेय तथा अन्य को गिरफ्तार कर लिया। | | निधन | 6 दिसंबर 1946 को निधन हो गया। | | भारत छोड़ो आंदोलन | 8 अगस्त 1942 को गांधीजी ने ग्वालिया टैंक मैदान, मुंबई में करो या मरो के नारे के साथ शुरू किया। | | मुख्य व्यक्तित्व | अरुणा आसफ अली (झंडा फहराया), यूसुफ मेहरली (भारत छोड़ो का नारा गढ़ा)। | | कारण | क्रिप्स मिशन की विफलता और ब्रिटिश विरोधी भावनाएं। |

