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हरियाणा में जीनोम-एडिटिंग लैब का उद्घाटन

हरियाणा में जीनोम-एडिटिंग लैब का उद्घाटन
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हरियाणा में जीनोम-एडिटिंग लैब का उद्घाटन

| घटना/मुख्य अंश | विवरण | |-------------------------------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | जीनोम-एडिटिंग लैब का उद्घाटन | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने ICAR-IIWBR, हरियाणा में इस प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इसका वित्तपोषण ICAR योजना के अंतर्गत किया गया है। | | लैब का उद्देश्य | आधुनिक जीनोमिक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर फसल अनुकूलन और समृद्ध अनाज गुणवत्ता के लिए वांछनीय लक्षणों को बढ़ाना। | | जलवायु-अनुकूल गेहूं की किस्में | किसानों ने फरवरी और मार्च में तापमान के उतार-चढ़ाव को सहन करने के लिए करण वंदना (DBW-187), MACS 6478 और पूसा यशस्वी जैसी किस्मों की सराहना की। रोग-प्रतिरोधी किस्मों के कारण फफूंदनाशक स्प्रे की आवश्यकता कम होने से इनपुट लागत में कमी आई। | | छिलका-रहित जौ की किस्में | किसानों ने हाल ही में जारी की गई छिलका-रहित जौ की किस्म DWRB 223 में रुचि दिखाई, जिसकी उपज अधिक (42.9 क्विंटल/हेक्टेयर) और प्रोटीन 11.7% है, जो स्वास्थ्य खाद्य अनुप्रयोगों के लिए आदर्श है। | | प्रयोगशाला से खेत तक दृष्टिकोण | वैज्ञानिक अनुसंधान को जमीनी स्तर पर खेती से जोड़ने पर जोर, ताकि कृषि नवाचारों का वास्तविक दुनिया में प्रभाव और अपनाया जाना सुनिश्चित हो सके। यह लैब वैज्ञानिक खोजों को किसानों तक पहुंचाने में मदद करेगी। | | जीनोम एडिटिंग | प्रौद्योगिकियों का एक समूह जो वैज्ञानिकों को विशिष्ट स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़कर, हटाकर या बदलकर किसी जीव के डीएनए को बदलने की अनुमति देता है। यह फसल सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। | | CRISPR तकनीक | क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड पैलिंड्रोमिक रिपीट (CRISPR) - संबंधित प्रोटीन प्रणाली लक्षित जीनोम अनुक्रम हस्तक्षेप की अनुमति देता है, जिससे पौधों में विशिष्ट लक्षणों को सम्मिलित करना संभव हो जाता है। यह तकनीक रोगों से लड़ने में सक्षम फसलें विकसित करने में मददगार होगी। | | भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान | 2014 में स्थापित, करनाल, हरियाणा में स्थित। ICAR से संबद्ध प्रमुख संस्थान, जो वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से गेहूं और जौ की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह संस्थान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। | | IIWBR के मुख्य कार्य | किस्मों में सुधार, संसाधन प्रबंधन और फसल सुरक्षा रणनीतियां। गेहूं और जौ पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (AICRP) का समन्वय करता है। |

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