2024 का केंद्रीय बजट: विकसित भारत@2047 की ओर
| पहलू | विवरण | |-----------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | दृष्टिकोण | नौ प्राथमिकता क्षेत्रों के साथ विकसित भारत@2047; दीर्घकालिक रणनीति पर ध्यान | | राजकोषीय घाटा | अंतरिम लक्ष्य 5.1% से घटाकर 4.9% किया गया; वित्तीय वर्ष 2026 तक इसे 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य | | बजट का आकार | मामूली वृद्धि; समग्र उधार कार्यक्रम लगभग अपरिवर्तित रहा | | पूंजीगत व्यय | मामूली वृद्धि; 2023-24 के संशोधित अनुमान प्रारंभिक बजट अनुमानों से कम हैं | | प्रभावी पूंजीगत व्यय | गिरावट से खर्च करने की क्षमता में चुनौतियों का संकेत, जो गुणक प्रभाव को कमजोर कर सकता है | | मांग प्रोत्साहन | नई आयकर व्यवस्था में समायोजन; मांग और घरेलू बचत को बढ़ावा देने पर सीमित प्रभाव | | रोजगार पहल | इंटर्नशिप योजना, पहली बार कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहन; दीर्घकालिक प्रभावशीलता पर चिंता | | एमएसएमई क्षेत्र | क्रेडिट गारंटी और बिना जमानत के ऋण मॉडल के माध्यम से पुनर्जीवन | | प्रमुख चूक | औद्योगिक क्षेत्र, रेलवे, पीएलआई योजना, गति शक्ति, जनगणना के लिए कोई महत्वपूर्ण उपाय नहीं | | शिक्षा और स्वास्थ्य | शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में स्पष्ट पहलों का अभाव | | शहरी-ग्रामीण विकास | शहरी और ग्रामीण विकास को संतुलित करने के लिए कोई विस्तृत योजना नहीं |

