सुप्रियो चक्रवर्ती बनाम भारत संघ 2023: LGBTQ+ अधिकार और विशेष विवाह अधिनियम
| पहलू | विवरण | |-----------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | मामला | सुप्रियो चक्रवर्ती बनाम भारत संघ मामला 2023 | | चुनौतीपूर्ण अधिनियम | विशेष विवाह अधिनियम, 1954 | | विवादित मुद्दा | समलैंगिक विवाहों का बहिष्कार, अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करने का हवाला देना | | सर्वोच्च न्यायालय का फैसला| विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाहों के बहिष्कार को बरकरार रखा | | सरकारी कार्रवाई | LGBTQ+ समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए एक समिति का गठन, समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दिए बिना | | समिति के अध्यक्ष | गृह सचिव राजीव गौबा | | समिति के संयोजक | सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव सौरभ गर्ग | | समिति के सदस्य | गृह मामलों, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कानून और न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधि | | समिति का दायित्व | भेदभाव को खत्म करने, वस्तुओं और सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने, सुरक्षा को बढ़ाने, अनैच्छिक चिकित्सा हस्तक्षेप को रोकने, सामाजिक कल्याण में असमानताओं को दूर करने और अन्य प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने के उपायों की सिफारिश करना |

