SC ने केरल सरकार द्वारा दायर मुकदमे की जांच करने हेतु सहमति दी
- सुप्रीम कोर्ट केरल द्वारा दायर एक मूल मुकदमे की जांच करने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के वित्त में केंद्र का हस्तक्षेप शासन के संघीय ढांचे का उल्लंघन है।
मुख्य बिंदु
कानूनी सम्मन और अंतरिम राहतें:
- केरल अंतरिम राहत चाहता है, जिसमें राज्य की ₹26,226 करोड़ की उधारी को प्रतिबंधित करने से केंद्र के खिलाफ निषेधाज्ञा भी शामिल है।
- केरल का तर्क है कि, संघीय प्रणाली में, एक राज्य के पास बजट तैयारी और प्रबंधन के माध्यम से अपने वित्त को विनियमित करने की विशेष शक्ति होती है।
- केंद्र की हालिया कार्रवाइयों, संशोधनों और कार्यकारी आदेशों को केरल को वित्तीय संकट में डालने के प्रयासों के रूप में देखा जाता है।
मनमाने ढंग से उधार लेने पर प्रतिबंध के आरोप:
- राज्य का तर्क है कि केंद्र ने मनमाने ढंग से शुद्ध उधार सीमा लागू कर दी, जिससे खुले बाजार सहित सभी स्रोतों से उधार लेना सीमित हो गया।
- राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के उधारों से कटौती और विदेशी ऋणों पर लगाई गई शर्तों को वित्तीय तनाव पैदा करने वाले उपायों के रूप में उद्धृत किया गया है।
- केरल का दावा है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 में संशोधन राज्य के विधायी डोमेन का उल्लंघन है।
- ये परिवर्तन कथित तौर पर राज्य की उधार लेने और उसके वित्त को विनियमित करने की क्षमता पर असंवैधानिक सीमाएँ लगाकर राजकोषीय संघवाद का उल्लंघन करते हैं।
प्रीलिम्स टेकअवे
- राजकोषीय घाटा
- राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003

