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दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल KYC पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल KYC पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
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दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल KYC पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

| पहलू | विवरण | |-----------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना/निर्णय | उच्चतम न्यायालय का फैसला: विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने के लिए डिजिटल केवाईसी मानदंडों को संशोधित करने का आदेश। | | न्यायालय | भारत का सर्वोच्च न्यायालय | | निर्देशित संस्थाएं | केंद्र सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), और अन्य सार्वजनिक/निजी संस्थाएं। | | प्रभावित समूह | दृष्टिबाधित व्यक्ति, चेहरे की विकृति वाले व्यक्ति (जैसे, एसिड अटैक सर्वाइवर)। | | कानूनी आधार | अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का विस्तार डिजिटल पहुंच को शामिल करने के लिए। | | मुख्य निर्देश | - डिजिटल केवाईसी दिशानिर्देशों को संशोधित करें।<br>- वैकल्पिक सत्यापन विधियों को लागू करें।<br>- नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें।<br>- ऐप/वेबसाइट डिज़ाइन में अभिगम्यता विशेषज्ञों को शामिल करें। | | मामले की उत्पत्ति | एसिड अटैक सर्वाइवर्स और दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाएं। | | अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ | संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (UN SDG) 10 (असमानताओं को कम करना) और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार ढांचे के अनुरूप। | | महत्व | ऐतिहासिक फैसला: डिजिटल पहुंच को मौलिक अधिकार के रूप में विस्तारित करना, समावेशी डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करना। |

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