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DRDO और SFC द्वारा अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण

DRDO और SFC द्वारा अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण
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DRDO और SFC द्वारा अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण

| श्रेणी | विवरण | |---------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | अग्नि-प्राइम मिसाइल की सफल उड़ान परीक्षण | | आयोजक | डीआरडीओ और भारत के सामरिक बल कमान (एसएफसी) | | स्थान | डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप, ओडिशा के तट से दूर | | गवाह | रक्षा प्रमुख, सामरिक बल कमान के प्रमुख, डीआरडीओ और सेना के अधिकारी | | मिसाइल का नाम | अग्नि-प्राइम (Agni-P) | | प्रकार | मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) | | रेंज | 1,000 से 2,000 किमी | | उत्तराधिकारी | अग्नि-I और अग्नि-II | | विशेषताएँ | कंपोजिट मोटर केसिंग, मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल (MaRV), उन्नत नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली| | सामग्री | कंपोजिट सामग्री | | ईंधन प्रकार | ठोस ईंधन | | गतिशीलता | सड़क-मोबाइल, ट्रक के माध्यम से परिवहन | | लॉन्च विधि | कैनिस्टर लॉन्च | | प्रतिस्थापित मिसाइलें | पृथ्वी-II, अग्नि-II, अग्नि-III, अग्नि-IV | | उद्देश्य | मिसाइल रक्षा प्रणालियों के खिलाफ गतिशीलता और सटीकता बढ़ाना | | सामरिक निवारक | चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की निवारक क्षमता को मजबूत करना | | अग्नि श्रृंखला | अग्नि-I, अग्नि-II, अग्नि-III, अग्नि-IV, अग्नि-V, अग्नि-प्राइम | | डीआरडीओ विवरण | स्थापना: 1958; मुख्यालय: डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली; अध्यक्ष: समीर कामत |

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