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शिकारी उत्सव: दक्षिण-पश्चिम बंगाल में वन्यजीव संरक्षण चुनौती

शिकारी उत्सव: दक्षिण-पश्चिम बंगाल में वन्यजीव संरक्षण चुनौती
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शिकारी उत्सव: दक्षिण-पश्चिम बंगाल में वन्यजीव संरक्षण चुनौती

| पहलू | विवरण | | ------------------------------- | ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- | | उत्सव | शिकारी उत्सव, दक्षिण-पश्चिमी बंगाल का एक क्षेत्रीय त्योहार। | | स्थान | झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुरा, पुरुलिया और बीरभूम जिले। | | समय | शुष्क मौसम (मार्च से मई) के दौरान होता है। | | प्रतिभागी | हजारों ग्रामीण, जिनमें झारखंड, ओडिशा, बिहार के लोग भी शामिल हैं। | | मुख्य गतिविधि | जंगली सूअर और जंगली खरगोश जैसे छोटे वन्यजीव प्रजातियों का शिकार। | | पारिस्थितिक मुद्दे | वन्यजीव आबादी में गिरावट, दीर्घकालिक पारिस्थितिक क्षति। | | पर्यावरणीय प्रभाव | जंगल में आग लगने के मौसम के साथ ही, पर्यावरणीय क्षति बढ़ जाती है। | | जंगल तक पहुंच | मानव बस्तियों के पास खुले जंगल आसानी से सुलभ हैं। | | कानून प्रवर्तन | वन विभाग के सीमित कर्मचारियों से संरक्षण प्रयासों में बाधा आती है। | | सुझाए गए समाधान | समुदाय-आधारित वन प्रबंधन, जागरूकता अभियान, सशक्त कानून प्रवर्तन, बहु-हितधारक सहयोग। |

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