विज्ञान मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल का टेलीस्कोप परियोजना हेतु हवाई का दौरा
- हाल ही में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने थर्टी मीटर टेलीस्कोप (TMT) परियोजना के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए मौना केआ, हवाई का दौरा किया।
थर्टी मीटर टेलिस्कोप (TMT) परियोजना
- TMT एक 30 मीटर व्यास वाला ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है जिसे गहरे अंतरिक्ष अवलोकन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- अयह एक सहयोगात्मक प्रयास है जिसमें अमेरिका, जापान, चीन, कनाडा और भारत शामिल हैं।
- परियोजना में भारतीय भागीदारी को वर्ष 2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी।
- यह अंतरिक्ष में गहन अन्वेषण की अनुमति देगा और अभूतपूर्व संवेदनशीलता के साथ ब्रह्मांडीय वस्तुओं का निरीक्षण करेगा।
TMT परियोजना के समक्ष चुनौतियाँ
- मूल स्थल के रूप में चुने गए मौना के को धार्मिक और सांस्कृतिक चिंताओं के कारण स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ा।
- निर्माण के परमिट को वर्ष 2015 में हवाई के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमान्य कर दिया गया था, बाद में वर्ष 2018 में बहाल कर दिया गया।
- लगातार स्थानीय विरोध के कारण परियोजना में देरी हुई है, जिससे वैकल्पिक साइट पर विचार किया जा रहा है।
- स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में ला पाल्मा पर ऑब्ज़र्वेटेरियो डेल रोके डे लॉस मुचाचोस (ORM) को एक विकल्प के रूप में माना जाता है।
TMT परियोजना में भारत का योगदान
- उम्मीद है कि भारत 200 मिलियन डॉलर मूल्य के हार्डवेयर, इंस्ट्रुमेंटेशन और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने में प्रमुख योगदानकर्ता होगा।
- भारत टेलीस्कोप के लिए आवश्यक 492 सटीक पॉलिश दर्पणों में से 83 का योगदान देगा।
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIAP) TMT परियोजना में शामिल भारतीय संस्थानों के संघ का नेतृत्व कर रहा है।
प्रगति और भविष्य का निर्णय
- निर्माण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन आवश्यक घटकों के विकास में प्रगति हुई है।
- अगले दो वर्षों में साइट पर निर्णय की उम्मीद के साथ, स्थानीय लोगों की सहमति और समर्थन सुनिश्चित करने के लिए चर्चा चल रही है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- तीस मीटर टेलीस्कोप (TMT) परियोजना
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIAP)

