छत्तीसगढ़ में समाधि स्मृति महोत्सव: आचार्य विद्यासागर जी महाराज को श्रद्धांजलि
| कार्यक्रम | विवरण | |-------------------------------|---------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम का नाम | आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव | | स्थान | राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ | | मुख्य उपस्थिति | केंद्रीय गृह मंत्री | | महोत्सव में गतिविधियाँ | श्री 1008 सिद्धचक्र विधान विश्व शांति महायज्ञ में भागीदारी | | जारी किए गए आइटम | स्मारकीय ₹100 का सिक्का, विशेष ₹5 का डाक लिफाफा, आचार्य श्री विद्यासागर जी के 108 पदचिह्न और चित्र | | शिलान्यास | प्रस्तावित समाधि स्मारक विद्यायतन | | शिक्षा पहल | मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में एक मुफ्त बालिका विद्यालय की आधारशिला, जो मुफ्त शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा | | जैन संतों की भूमिका | भारत में आध्यात्मिक संदेश फैलाने में जैन संतों के योगदान को स्वीकार किया, आचार्य जी के भारत की सांस्कृतिक पहचान पर शिक्षाओं को रेखांकित किया | | साहित्यिक कार्य | आचार्य जी ने हिंदी महाकाव्य मूकमति की रचना की, जो कई भाषाओं में अनूदित है और दर्शन, नैतिकता, आध्यात्म और राष्ट्र पर केंद्रित है | | आचार्य विद्यासागर महाराज | - अत्यंत सम्मानित जैन मुनि<br>- कम उम्र में ही संन्यास को अपनाया<br>- शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि में कार्य किया<br>- सामाजिक प्रगति और लोकतांत्रिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया<br>- अंतिम दिनों में संथारा (स्वैच्छिक उपवास) किया |

