सागर परिक्रमा: तटीय यात्रा का विवरण
| पहलू | विवरण | |------------------------------------|------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | पुस्तक और वीडियो सागर परिक्रमा का विमोचन | | तिथि और स्थान | इंजीनियरिंग एसोसिएशन, राजकोट, गुजरात | | विमोचन किया | केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, पुरुषोत्तम रूपाला | | उपस्थित महानुभाव | केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान, डॉ. एल. मुरुगन, अन्य | | पुस्तक का विषय | सागर परिक्रमा यात्रा का विवरण, जिसमें समुद्री मार्ग, सांस्कृतिक और भौगोलिक अन्वेषण, तथा 12 चरणों के प्रभाव शामिल हैं | | अध्याय | सात अध्याय, जिनमें उत्पत्ति, पश्चिम और पूर्वी तट, प्रमुख निष्कर्ष शामिल हैं | | वीडियो डॉक्यूमेंट्री | गतिविधियाँ, कार्यक्रम और लाभार्थियों के साथ हुए संवाद को कैप्चर किया गया है | | सागर परिक्रमा का उद्देश्य | 1. मछुआरों की समस्याओं का समाधान 2. नीति निर्णयों को सूचित करना 3. सतत मत्स्य पालन को बढ़ावा 4. सरकारी योजनाओं का प्रचार | | भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र | तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा एक्वाकल्चर उत्पादक, सबसे बड़ा झींगा उत्पादक, चौथा सबसे बड़ा समुद्री भोजन निर्यातक | | सागर परिक्रमा यात्रा की अवधि | 44 दिन, 12 चरण | | तटीय कवरेज | 7,986 किलोमीटर (कुल 8,118 किलोमीटर में से) | | आवृत मछली पकड़ने वाले गांव | 3,071 गांव, 80 तटीय जिले | | प्रमुख स्थान | मांडवी (गुजरात) से गंगासागर (पश्चिम बंगाल), जिसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भी शामिल हैं | | लाभार्थी | मछुआरे, मछुआरिनें, मत्स्य किसान | | प्रचारित योजनाएं | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) | | विरासत | आर्थिक उत्थान, सतत विकास और मछुआरों की आजीविका में सुधार |

