मौद्रिक नीति समिति (MPC) का पुनर्गठन और RBI अधिनियम, 1934 के मुख्य पहलू
| मुख्य बिंदु | विवरण | |----------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | खबरों में क्यों? | सरकार ने RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले MPC का पुनर्गठन किया है। | | MPC का पुनर्गठन | नए बाहरी सदस्य: राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य, और नागेश कुमार। | | MPC की भूमिका | बेंचमार्क ब्याज दरों को निर्धारित करना, CPI मुद्रास्फीति को प्रबंधित करना (लक्ष्य सीमा 2-6%)। | | RBI अधिनियम, 1934 | RBI की स्थापना की; 1 अप्रैल, 1935 को संचालन शुरू किया। | | प्रमुख नियुक्तियाँ | - राम सिंह: पीएचडी, हार्वर्ड से पोस्टडॉक। - सौगत भट्टाचार्य: पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री, एक्सिस बैंक। - नागेश कुमार: पीएचडी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अनुभव। | | RBI के उद्देश्य (RBI अधिनियम, 1934) | बैंकनोट्स को विनियमित करना, मुद्रा/क्रेडिट प्रणाली का प्रबंधन, मौद्रिक स्थिरता बनाए रखना। | | RBI के प्रमुख कार्य | बैंकनोट्स जारी करना, फटे/दूषित नोटों का प्रबंधन, कानूनी निविदा की स्थिति का प्रबंधन। | | सूचीबद्ध बैंकों की परिभाषा | न्यूनतम पूंजी ₹5 लाख वाले बैंक, जिसमें वाणिज्यिक/सहकारी बैंक शामिल हैं। |

