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आरबीआई के भुगतान धोखाधड़ी रोकने और बैंकिंग दक्षता बढ़ाने के उपाय

आरबीआई के भुगतान धोखाधड़ी रोकने और बैंकिंग दक्षता बढ़ाने के उपाय
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आरबीआई के भुगतान धोखाधड़ी रोकने और बैंकिंग दक्षता बढ़ाने के उपाय

| प्रमुख मापदंड | विवरण | |-------------------------------------------|--------------------------------------------------------------------------------------------------| | डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म | घरेलू भुगतान धोखाधड़ी (मार्च 2024 में ₹2,604 करोड़, 70.64% की वृद्धि) से निपटने के लिए लक्षित। ए.पी. होता की अगुआई में एक समिति दो महीने के भीतर सिफारिशें प्रदान करेगी। | | संशोधित थोक जमा सीमा | परिभाषा संशोधित: वाणिज्यिक/एसएफबी के लिए ₹3 करोड़ और उससे अधिक, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए ₹1 करोड़। एएलएम आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न ब्याज दरों की अनुमति। | | स्वचालित ई-मैंडेट सुविधा | फास्टैग/एनसीएमसी खातों के लिए ग्राहक द्वारा निर्धारित सीमा से नीचे स्वचालित पुनःपूर्ति की शुरुआत, पूर्व डेबिट सूचना आवश्यकता को समाप्त। | | यूपीआई लाइट ई-मैंडेट | ई-मैंडेट ढांचे में यूपीआई लाइट को शामिल किया गया, जिसमें स्वचालित पुनःपूर्ति होगी। ₹500 तक के लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं। | | निर्यात/आयात नियमों का युक्तिकरण | आरबीआई क्रॉस-बॉर्डर व्यापार के लिए दिशानिर्देशों को सरल बनाएगा, जो वैश्विक व्यापार गतिशीलता के साथ संरेखित होगा और व्यापारिक कार्यों को आसान बनाएगा। |

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