RBI ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए WMA सीमा बढ़ाई
| पहलू | विवरण | |---------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | RBI ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए WMA सीमा 28% बढ़ा दी है | | नई सीमा | ₹60,118 करोड़ (₹47,010 करोड़ से) | | प्रभावी तिथि | 1 जुलाई, 2024 | | संशोधन का कारण | चयनित राज्य वित्त सचिवों के समूह की सिफारिशों और हाल के व्यय डेटा के आधार पर | | WMA के प्रकार | - सामान्य WMA: तीन महीने के भीतर चुकाने योग्य स्वच्छ अग्रिम | | | - विशेष WMA: भारत सरकार की डेटेड प्रतिभूतियों के खिलाफ सुरक्षित अग्रिम | | विशेष आहरण सुविधा (SDF) | - SDF बाजार योग्य प्रतिभूतियों और नीलामी ट्रेजरी बिल्स (ATBs) में निवेश से जुड़ी है | | CSF/GRF के लिए SDF सीमा| अधिकतम SDF सीमा CSF/GRF में दूसरे पूर्ववर्ती तिमाही के अंतिम तिथि पर बकाया शेष और वर्तमान शेष के निचले मूल्य का 50% है | | ATBs के लिए SDF सीमा| SDF सीमा ATBs (91/182/364 दिन) में दूसरे पूर्ववर्ती तिमाही के अंतिम तिथि पर बकाया शेष और वर्तमान ATB शेष के निचले मूल्य का 50% निर्धारित की गई है | | कार्यान्वयन | RBI के अप्रैल 2022 में SDF, WMA और ओवरड्राफ्ट (OD) योजनाओं की समीक्षा का अनुसरण करता है | | अतिरिक्त जानकारी | RBI की वेबसाइट पर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार WMA सीमाएं उपलब्ध हैं |

