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राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपैरल पालिसी 2025

राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपैरल पालिसी 2025
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राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपैरल पालिसी 2025

📌 1. नीति अवलोकन

  • नाम: राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपैरल पालिसी 2025
  • प्रभावी तिथि: फरवरी 2025
  • मान्यता अवधि: 31 मार्च 2029 तक या जब तक नई नीति अधिसूचित नहीं होती
  • नोडल विभाग: उद्योग और वाणिज्य विभाग, राजस्थान
  • दृष्टिकोण: राजस्थान को वैश्विक हब के रूप में स्थापित करना, जहाँ वस्त्र और परिधन उत्पादन को निवेश, सततता, नवोन्मेष, और रोजगार सृजन द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा।

🎯 2. लक्ष्य और उद्देश्य

  • निवेश लक्ष्य: ₹10,000 करोड़
  • रोजगार सृजन: 5 वर्षों में 2 लाख नौकरियाँ
  • बुनियादी ढांचा: 5 नए निजी वस्त्र और परिधन पार्क विकसित करना
  • ध्यान केंद्रित क्षेत्र:
    • रेडीमेड गारमेंट्स (RMG)
    • तकनीकी वस्त्र
    • प्राकृतिक और कृत्रिम फाइबर
    • ऊन और हथकरघा
    • चमड़ा और फुटवियर
    • सततता और ग्रीन टेक

🧵 3. ध्यान केंद्रित उप-क्षेत्र (कुल 11)

  1. प्राकृतिक फाइबर उत्पादन
  2. कृत्रिम फाइबर (MMF) उत्पादन
  3. वस्त्र प्रसंस्करण और निर्माण
  4. तकनीकी वस्त्र
  5. हथकरघा और वस्त्र हस्तशिल्प
  6. ऊन प्रसंस्करण
  7. परिधन उत्पादन (गर्मेंट्स, मेड-अप्स, वियरेबल्स)
  8. चमड़ा और चमड़ा उत्पाद प्रसंस्करण
  9. चमड़ा और चमड़ा उत्पाद निर्माण
  10. वस्त्र, परिधन और चमड़ा के सहायक उत्पाद
  11. फुटवियर निर्माण (रबर, प्लास्टिक, वस्त्र आदि)

📍 4. राजस्थान के लाभ

  • कनेक्टिविटी:

    • 3rd सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क
    • 2nd सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क
    • प्रमुख बंदरगाहों तक पहुँच: मंद्रा, JNPT
    • 7 एयरपोर्ट्स, 9 ICDs
  • मानव संसाधन:

    • IIT जोधपुर, IIM उदयपुर, NIFT जोधपुर, IIHT जोधपुर
    • 52 निजी और 31 राज्य विश्वविद्यालय
  • कच्चा माल:

    • कपास उत्पादन में 4th स्थान (~27.12 लाख बेल, FY23)
    • ऊन उत्पादन में 1st स्थान (भारत का 46%)
    • सिंथेटिक सूटिंग और यार्न के प्रमुख उत्पादक

🧱 5. बुनियादी ढांचा समर्थन

  • मौजूदा SITP पार्क्स:

    1. नेक्स्ट जेन वस्त्र पार्क – पाली
    2. किशनगढ़ हाई-टेक पार्क – अजमेर
    3. जयपुर इंटीग्रेटेड टेकक्राफ्ट पार्क – जयपुर
  • आगामी क्षेत्र: भीलवाड़ा और जोधपुर (नए वस्त्र क्षेत्र)


💰 6. प्रोत्साहन और वित्तीय लाभ

6.1 संपत्ति निर्माण प्रोत्साहन (केवल एक चुनें):

| परियोजना श्रेणी | क्षेत्र श्रेणी-1 | क्षेत्र श्रेणी-2 | क्षेत्र श्रेणी-3 | |-----------------|-----------------|-----------------|-----------------| | बड़ा | 13% EFCI का | 17% | 20% | | मेगा | 17% | 20% | 23% | | अल्ट्रा मेगा | 23% | 25% | 28% |

  • टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन (1.2%–2% शुद्ध बिक्री टर्नओवर का)
  • पूंजी सब्सिडी सीमा: ₹50 करोड़ (Y1–3), ₹65 करोड़ (Y4–7), ₹80 करोड़ (Y8–10)

6.2 संपत्ति निर्माण प्रोत्साहन बूस्टर

  • रोजगार बूस्टर: रोजगार गुणकों के आधार पर 15% अतिरिक्त
  • थ्रस्ट बूस्टर: प्रमुख फोकस क्षेत्रों के लिए +10%
  • क्षेत्रीय एंकर बूस्टर: पिछड़े क्षेत्रों में पहले 3 मेगा/अल्ट्रा परियोजनाओं के लिए +20%
  • ब्याज सब्सिडी: संयंत्र और मशीनरी ऋण पर 5% (अधिकतम 2.5% EFCI/वर्ष)

6.3 अन्य प्रमुख लाभ

  • स्टांप ड्यूटी: 75% छूट + 25% पुनर्भुगतान
  • रूपांतरण शुल्क: 75% छूट + 25% पुनर्भुगतान
  • बिजली शुल्क: 7 वर्षों के लिए 100% छूट
  • फ्रेट सब्सिडी: निर्यात फ्रेट पर 25% (₹25 लाख/वर्ष की सीमा)
  • कौशल विकास:
    • ₹4000/कर्मचारी/माह (अधिकतम 6 महीने)
    • ₹1 लाख/कर्मचारी/वर्ष (20 कर्मचारियों के लिए)
  • IPR प्रोत्साहन: पेटेंट/पंजीकरण लागत का 50% (अधिकतम ₹1 करोड़)

6.4 विशेष प्रावधान

  • लचीला RIICO भूमि भुगतान: 25% अग्रिम, 75% 10 वार्षिक किश्तों में @ 8% ब्याज
  • ग्रीन सॉल्यूशंस प्रोत्साहन: 50% लागत पुनर्भुगतान (अधिकतम ₹12.5 करोड़/परियोजना)
  • समूह कैप्टिव RE पावर निवेश:
    • RE परियोजना लागत का 51% EFCI के रूप में गिना जाएगा
    • 100% अगर 12+ वर्ष का समझौता हो
  • मदर–एंसीलरी पारिस्थितिकी तंत्र: ₹500 करोड़+ संयुक्त निवेश वाले यूनिट्स के लिए

🛠 7. क्रियान्वयन ढांचा

  • परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU):

    • निवेशक प्रोत्साहन
    • समन्वय
    • DPR मूल्यांकन
    • परियोजना क्रियान्वयन की निगरानी
  • समितियाँ:

    • PEC: प्रस्तावों का मूल्यांकन (8 सदस्य)
    • PAC: प्रस्तावों को मंजूरी/अस्वीकृति (6 सदस्य)
  • आवेदन के लिए: राजनिवेश पोर्टल


📊 8. इकाइयों का वर्गीकरण (EFCI के आधार पर)

| श्रेणी | निवेश/रोजगार सीमा | |---------------|-------------------| | MSME | MSME एक्ट 2006 के अनुसार | | बड़ा | ₹50 करोड़–₹300 करोड़ या 100 नौकरियाँ | | मेगा | ₹300 करोड़–₹1000 करोड़ या 250 नौकरियाँ | | अल्ट्रा मेगा | > ₹1000 करोड़ या 750 नौकरियाँ |


🌱 9. ग्रीन, सर्कुलर और स्मार्ट उद्योग पर ध्यान

  • योग्य ग्रीन परियोजनाएँ:
    • ETP, CETP, ZLD
    • पुनः उपयोग/रीसायक्लिंग
    • ग्रीन बिल्डिंग (IGBC/LEED)
    • स्मार्ट पानी प्रणाली, वायु गुणवत्ता तकनीक, निगरानी के लिए IoT

📅 10. समयसीमा और शर्तें

  • चरणबद्ध निवेश: 3 चरणों में अनुमत (प्रत्येक चरण में न्यूनतम ₹50 करोड़)
  • विस्तार: नीति अवधि के बाद 2 वर्ष का विस्तार, यदि 50% निवेश संचालन अवधि के दौरान पूरा होता है
  • स्थानांतरण धारा: RIPS 2022 के तहत यूनिट्स 2025 नीति में शामिल हो सकते हैं (रेट्रोस्पेक्टिव नहीं)
  • वितरण: प्रोत्साहन DPR समयसीमा के आधार पर

11. शर्तें और अनुपालन

  • सब्सिडी सीमा: 125% EFCI का
  • प्रोत्साहन विशिष्ट हैं (कई राज्य योजनाओं के तहत उपलब्ध नहीं हो सकते)
  • अनुपालन न करने या धोखाधड़ी पर: 18% ब्याज वसूली
  • उद्यमों को प्रदूषण बोर्ड के मानदंडों का पालन करना और डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना होगा

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