राजस्थान एक जिला एक उत्पाद (ODOP) नीति 2024
उद्देश्य:
प्रत्येक जिले के अद्वितीय उत्पाद/कला को बढ़ावा देने के लिए संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना, निर्यात बढ़ाना, और MSMEs का समर्थन करना।
लॉन्च:
- वर्ष: दिसंबर 2024
- अवधि: 31 मार्च 2029 तक वैध
- लागू होगा: नए और मौजूदा ODOP MSMEs (जिसमें कृषि-प्रसंस्करण इकाइयाँ भी शामिल हैं)
🎯 दृष्टिकोण
- राजस्थान के जिलों को निर्यात केंद्र में बदलना।
- स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना।
- मूल्य-श्रृंखला उन्नति, बुनियादी ढांचा, विपणन और कौशल विकास के माध्यम से मजबूत ODOP पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।
🎯 उद्देश्य
- जिला-केंद्रित विकास के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना।
- MSMEs, कारीगरों, शिल्पकारों, कृषक, और उद्यमियों का समर्थन करना।
- डिज़ाइन, गुणवत्ता, और विपणन क्षमता में सुधार करना।
- कौशल विकास और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करना।
- पर्यावरणीय स्थिरता और GI टैगिंग को बढ़ावा देना।
- राज्य और केंद्रीय सरकार की योजनाओं के साथ एकीकृत करना।
🧭 दायरा और कवरेज
- यह योजना सभी 50 जिलों में लागू होगी।
- निर्माण, सेवा, कृषि-प्रसंस्करण, और हस्तशिल्प/हथकरघा क्षेत्रों को कवर करेगी।
- SC/ST, महिला, PwBD और युवा (<35 वर्ष) स्वामित्व वाले उद्यमों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
💡 प्रमुख विशेषताएँ
- उत्पाद चयन: स्थानीय ताकत, निर्यात क्षमता, GI क्षमता के आधार पर।
- क्रेडिट सहायता: नए उद्यमों के लिए वित्तीय सहायता।
- तकनीकी उन्नयन: सॉफ़्टवेयर, मशीनरी और डिज़ाइन के लिए सहायता।
- गुणवत्ता सुनिश्चितता: BIS, FSSAI, ISO, ZED जैसे प्रमाणपत्रों के लिए सब्सिडी।
- विपणन और निर्यात प्रोत्साहन
- बुनियादी ढांचा विकास: सामान्य सुविधा केंद्र (CFCs), कच्चे माल बैंक।
- कौशल विकास: तकनीकी प्रशिक्षण, निर्यात तत्परता, लेबलिंग, पैकेजिंग।
- ब्रांड राजस्थान: एकीकृत पहचान और जिला-वार ब्रांड एंबेसडर।
- डिजिटल क्रियान्वयन: ODOPRAJ पोर्टल के माध्यम से।
💰 वित्तीय प्रोत्साहन और योजनाएँ
1. नए यूनिट्स के लिए मार्जिन मनी सहायता:
| श्रेणी | सब्सिडी % | अधिकतम सीमा | |-------|-----------|-------------| | सूक्ष्म उद्यम | 25% | ₹15 लाख | | लघु उद्यम | 15% | ₹20 लाख | | SC/ST/महिला/PwBD/युवक (<35 वर्ष) | अतिरिक्त ₹5 लाख |
2. तकनीकी/सॉफ़्टवेयर अधिग्रहण:
- 50% सब्सिडी (अधिकतम ₹5 लाख)
3. गुणवत्ता प्रमाणन सहायता:
- 75% सब्सिडी (अधिकतम ₹3 लाख)
4. सतत प्रथाएँ और ग्रीन ऊर्जा:
- 50% पुनर्भुगतान (अधिकतम ₹1 करोड़)
- SIDBI की ग्रीन फाइनेंस योजना के तहत 6% ब्याज सब्सिडी
5. क्लस्टर-आधारित बुनियादी ढांचा विकास:
- CFCs, प्रशिक्षण, विपणन, कच्चे माल बैंक, औद्योगिक क्षेत्र
6. कौशल विकास कार्यक्रम:
- उत्पाद-विशिष्ट प्रशिक्षण, निर्यात प्रक्रियाएँ, बाज़ार खुफिया
- पैकेजिंग/ब्रांडिंग में प्रत्येक वर्ष कम से कम 50 बैचों का प्रशिक्षण
7. विपणन सहायता:
| इवेंट प्रकार | स्टॉल किराया सब्सिडी | यात्रा समर्थन | सीमा | |--------------|---------------------|---------------|-------| | राजस्थान में राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय | ₹50,000 या 75% | एसी बस/ट्रेन | 3 इवेंट्स/वर्ष | | राजस्थान के बाहर राष्ट्रीय | ₹1.5 लाख या 75% | एसी बस/ट्रेन | 2 इवेंट्स/वर्ष | | अंतरराष्ट्रीय | ₹2 लाख या 75% | इकोनॉमी फ्लाइट | 1 इवेंट/वर्ष |
8. ई-कॉमर्स प्रचार:
- प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पर 75% पुनर्भुगतान (अधिकतम ₹1 लाख/वर्ष, 2 वर्षों के लिए)
- कैटलॉगिंग/वेबसाइट विकास के लिए ₹75,000 (60% सब्सिडी)
9. ODOP फंड:
राज्य, केंद्रीय सरकार, RIICO, CSR आदि द्वारा वित्त पोषित। उपयोग के लिए:
- वार्षिक ODOP एक्सपो
- खरीदार–विक्रेता मिलन
- प्रशिक्षण/कौशल कार्यशालाएँ
- ODOP विपणन और निर्यात उत्कृष्टता केंद्र सभी 10 संभागीय मुख्यालयों पर
- PMU समर्थन, प्रकाशन, ऑनलाइन पोर्टल रखरखाव
🧩 गैर-वित्तीय पहलें
- सस्ती औद्योगिक भूमि: नए पार्कों के माध्यम से
- ODOPRAJ पोर्टल: डिजिटल सिंगल-विंडो प्लेटफ़ॉर्म
- ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग: GeM, ONDC, फ्लिपकार्ट, अमेज़न
- यूनिटी मॉल (जयपुर): ODOP और GI उत्पादों के लिए राष्ट्रीय प्रदर्शन
- खरीद समर्थन: सरकारी विभागों को सीधे ODOP उत्पाद खरीदने की अनुमति ₹15 लाख/वर्ष तक बिना निविदा के
- ODOP डिस्प्ले दीवारें पर्यटन स्थलों और सरकारी कार्यालयों में
🛠 क्रियान्वयन संरचना
1. राज्य स्तर समीक्षा समिति (SLRC)
- अध्यक्ष: सचिव, उद्योग और वाणिज्य
- सदस्य: RIICO, RAJSICO, वित्त, कृषि, BIP, बैंकर्स
2. जिला स्तर कार्य बल समिति (DLTFC)
- अध्यक्ष: जिला कलेक्टर/ADM
- सदस्य: GM-DICC, प्रमुख बैंक प्रबंधक, निर्यात अधिकारी
3. निर्यात और ODOP प्रचार प्रकोष्ठ (EOPC):
- उद्योग और वाणिज्य आयुक्त के तहत प्रशासनिक निकाय
- समर्पित PMU (8–10 विशेषज्ञ) द्वारा समर्थित
📊 निगरानी और मूल्यांकन
- KPI-आधारित प्रभाव ट्रैकिंग (MSME वृद्धि, नौकरियाँ, निर्यात)
- जिला-स्तरीय रिपोर्टिंग और पारदर्शिता
- नीति की नियमित समीक्षा और कोर्स सुधार
🤝 सहयोग और साझेदारियाँ
- संस्थानों जैसे IIT, IIP, व्यापार निकाय (WTO, UNCTAD), शोध संस्थान, तकनीकी कंपनियों के साथ
- खरीदारों/आयातकों के साथ MoUs
- इंटर्नशिप, हैकाथॉन, डिज़ाइन चुनौतियाँ
🛡 शिकायत निवारण
- ऑनलाइन/ऑफलाइन शिकायत प्रणाली
- समयबद्ध समाधान प्रक्रिया
- नियमित अपडेट और स्टेकहोल्डर फीडबैक के माध्यम से सुधार
📅 क्रियान्वयन समयसीमा
चरण 1 (वर्ष 1–2):
- PMU स्थापना, स्टेकहोल्डर जुड़ाव, बुनियादी ढांचा विकास, कौशल प्रशिक्षण
चरण 2 (वर्ष 3–5):
- विपणन को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना, उत्पाद श्रेणी का विस्तार

