राजस्थान MSME नीति 2024: प्रमुख विशेषताएँ और पहलों
📌 1. नीति का अवलोकन
- नीति का नाम: राजस्थान MSME नीति 2024
- कार्यान्वयन अवधि: दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2029 तक
- पूर्ववर्ती: MSME नीति 2022
🎯 2. दृष्टिकोण और उद्देश्य
- दृष्टिकोण: राजस्थान में वैश्विक प्रतिस्पर्धी और स्थानीय रूप से प्रासंगिक MSME क्षेत्र का विकास करना।
- दृष्टिकोण: राजकोषीय और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेपों का संयोजन।
- उद्देश्य:
- उद्यमिता को बढ़ावा देना
- प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्लस्टर विकास को सक्षम बनाना
- बाजार पहुंच में सुधार करना
- आधारभूत संरचना और गुणवत्ता मानकों में सुधार करना
- पूंजी और क्रेडिट तक पहुंच बढ़ाना
- सतत औद्योगिक प्रथाओं को बढ़ावा देना
📊 3. क्षेत्रीय महत्व
- MSMEs का योगदान:
- भारत के विनिर्माण उत्पादन का 36%
- 45% निर्यात
- राजस्थान में MSME का मजबूत उपस्थिती:
- गहनों और आभूषण, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट्स, वस्त्र, चमड़ा, पत्थर
🧱 4. प्रमुख योजनाएं और पहलों
✅ A. चल रही योजनाएं
1. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) 2024
- केंद्रित: विनिर्माण और सेवा-आधारित MSMEs
- मुख्य प्रोत्साहन:
- 75% राज्य कर रिफंड (10 साल)
- राजस्व अनुदान (प्लास्टिक विकल्प: ₹40 लाख, कृषि: ₹1.5 करोड़)
- ब्याज अनुदान
- स्टाम्प ड्यूटी और बिजली ड्यूटी की छूट
- ग्रीन ग्रोथ प्रोत्साहन
- निर्यात प्रोत्साहन सहायता
- रोजगार सृजन अनुदान
2. BR अंबेडकर दलित आदिवासी उद्योग प्रोत्साहन योजना (BRUPY)
- SC/ST उद्यमियों के लिए
- समर्थन:
- 25% मार्जिन सब्सिडी (अधिकतम ₹25 लाख)
- ब्याज सब्सिडी: 6%–9% लोन राशि के आधार पर
- 100% CGTMSE शुल्क रिफंड
3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
- मार्जिन मनी सब्सिडी:
- सामान्य: 25% (ग्रामीण), 15% (शहरी)
- विशेष श्रेणियां: 35% (ग्रामीण), 25% (शहरी)
- अधिकतम परियोजना लागत: ₹50 लाख (विनिर्माण), ₹20 लाख (सेवाएं)
✅ B. व्यवसाय करने की सुविधा की पहलें
- MSME सहायक अधिनियम, 2019: अनुमोदन/निरीक्षण से 5 साल की छूट
- एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली (SWCS): 16 विभागों से 135 सेवाएं
- वन स्टॉप शॉप (OSS): ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (BIP) में
✅ C. क्लस्टर विकास
- समर्थन के लिए:
- MSE-CDP (GoI) और राज्य CDP
- CFCs (कॉमन फैसिलिटी सेंटर)
- भिवाड़ी में प्रौद्योगिकी केंद्र
- प्रमुख क्षेत्र: हस्तशिल्प, चमड़ा, पत्थर, वस्त्र आदि
✅ D. आधारभूत संरचना विकास
- RIICO भूमि पर 25% औद्योगिक दर CFCs के लिए
- CETPs के लिए 75% अनुदान (अधिकतम ₹75 करोड़)
- MSMEs के लिए भूमि परिवर्तन में छूट (1 एकड़ तक) और खाद्य इकाइयों के लिए (10 हेक्टेयर तक)
✅ E. बाजार विकास और लिंकज
1. सार्वजनिक खरीद सुधार
- 96 आरक्षित वस्तुएं स्थानीय MSMEs के लिए
- ई-बाजार खरीद (अधिकतम ₹10 लाख)
- बोली सुरक्षा और प्रदर्शन आवश्यकताओं में छूट
2. विपणन समर्थन
- वित्तीय सहायता:
- मेलों/प्रदर्शनी में भागीदारी
- निर्यात प्रोत्साहन
- GI टैगिंग (21 GI-टैग वाले उत्पाद; 11 और प्रस्तावित)
- मिशन निर्यातक बनो (10,000+ IECs जारी)
- राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन परिषद (REPC)
3. ई-कॉमर्स और डिजिटलीकरण
- ₹50,000 तक की सहायता:
- व्यवसाय सॉफ़्टवेयर
- प्लेटफ़ॉर्म शुल्क
✅ F. कौशल विकास
- 50% प्रशिक्षण लागत पर पुनःभुगतान:
- ₹20,000/माह (सूक्ष्म)
- ₹30,000/माह (छोटे)
- ₹40,000/माह (मध्यम)
- RSLDC और उद्योग संस्थाओं के माध्यम से
💸 5. राजकोषीय सहायता सारांश
| सहायता प्रकार | लाभ/समर्थन | |-----------------------------------------|---------------------------------------------------------------------------| | राज्य कर रिफंड | 10 वर्षों के लिए 75% | | राजस्व अनुदान | ₹1.5 करोड़ तक | | ब्याज सब्सिडी | RIPS 2024 के तहत अतिरिक्त 2% | | ऋण गारंटी (CGTMSE) | 7 वर्षों के लिए 100% वार्षिक गारंटी शुल्क | | IPO समर्थन | SME एक्सचेंज लिस्टिंग के लिए ₹15 लाख तक | | प्रौद्योगिकी अधिग्रहण | 50% पुनःभुगतान (अधिकतम ₹5 लाख) | | गुणवत्ता प्रमाणन (ISO, BIS) | 50% लागत पुनःभुगतान (अधिकतम ₹3 लाख) | | हरी प्रथाएं | ₹1 करोड़ अधिकतम: 50% परियोजना लागत, 10% क्लीन टेक के लिए | | कौशल प्रशिक्षण पुनःभुगतान | ₹40,000/माह 6 महीनों के लिए | | विपणन भागीदारी | ₹1.5 लाख (विदेश), ₹1.12 लाख (देश), ₹37.5k (राज्य मेले) | | डिजिटलीकरण सहायता | सॉफ़्टवेयर और प्लेटफ़ॉर्म शुल्क के लिए ₹50,000 तक |
⚙️ 6. गैर-राजकोषीय उपाय
- RIICO भूमि की सस्ती दरें
- फ्लैटेड फैक्ट्री संरचनाएं
- GoI के साथ साझेदारी में नए प्रौद्योगिकी केंद्र
- डिजिटल-प्रथम कार्यान्वयन समर्पित पोर्टल के माध्यम से
- प्रशिक्षण और मार्गदर्शन कार्यक्रम
- निर्यात प्रशिक्षण, तकनीकी उत्पाद प्रशिक्षण, बाजार खुफिया
🏛️ 7. संस्थागत तंत्र
a) राज्य स्तर की समीक्षा समिति (SLRC)
- अध्यक्ष: ACS/सचिव, उद्योग
- भूमिका: समग्र निगरानी, समन्वय, मार्गदर्शन संशोधन
b) उच्च स्तरीय कार्यबल समिति (HLTFC)
- अध्यक्ष: आयुक्त, उद्योग
- भूमिका: ₹10 करोड़ से ऊपर की परियोजनाओं की स्क्रीनिंग
c) जिला स्तरीय कार्यबल समिति (DLTFC)
- अध्यक्ष: जिला कलेक्टर
- भूमिका: ₹10 करोड़ तक की परियोजनाओं की स्क्रीनिंग
📆 8. समयरेखा
- प्रभावी तारीख: दिसंबर 2024
- समाप्ति: 31 मार्च 2029
- समय-समय पर समीक्षा: SLRC द्वारा मूल्यांकन और सुधारों की सिफारिश
📝 9. कार्यान्वयन और शासन
- कार्यान्वयन: आयुक्त, उद्योग और वाणिज्य
- कार्यान्वयन पोर्टल: सभी आवेदन के लिए जल्द ही लॉन्च किया जाएगा
- योजना दिशानिर्देश: विभाग द्वारा आवश्यकता के अनुसार जारी किए जाएंगे

