राजस्थान में रामसर स्थलों के रूप में आर्द्रभूमि विकास का प्रस्ताव
| पहलू | विवरण | |-------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | राजस्थान सरकार का प्रस्ताव | केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को 5 आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। | | मौजूदा रामसर स्थल | सांभर झील (मार्च 1990), केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान (मार्च 1981)। | | प्रस्तावित आर्द्रभूमियाँ | खींचन पक्षी अभयारण्य (जोधपुर), चांदलाई (जयपुर), कंवास पक्षी विहार (कोटा), लूणकरंसर (बीकानेर), मेनार झील (उदयपुर)। | | महत्व | ये सभी 5 आर्द्रभूमियाँ मध्य एशियाई फ्लाईवे का हिस्सा हैं, जो नवंबर से फरवरी तक प्रवासी पक्षियों द्वारा उपयोग की जाती हैं। | | प्रयास | राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड औद्योगिक प्रवाह और अतिक्रमण को संबोधित कर रहा है। | | रामसर कन्वेंशन | 2 फरवरी 1971 को रामसर, ईरान में अपनाया गया। भारत में 1 फरवरी 1982 को लागू हुआ। | | भारत में कुल रामसर स्थल | 75 (2023 तक)। |

