पीएम मोदी ने सूरत में 'जल संचय जनभागीदारी' पहल शुरू की
| पहलू | विवरण | |-------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संचय जन भागीदारी पहल का शुभारंभ | | स्थान | सूरत, गुजरात | | तिथि | निर्दिष्ट नहीं | | उद्देश्य | जल संरक्षण में समुदाय की भागीदारी बढ़ाना और सतत जल प्रबंधन को प्रोत्साहित करना। | | मुख्य विशेषताएं | - नागरिकों, स्थानीय निकायों और उद्योगों का संगठन। | | | - बड़े पैमाने पर वर्षा जल संचयन संरचनाएं। | | | - अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करना। | | समुदायिक दृष्टिकोण | समाज के सभी वर्गों से सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने वाला समग्र समाज दृष्टिकोण। | | | कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की भागीदारी पर जोर। | | गुजरात की भूमिका | गुजरात समुदाय-आधारित तकनीकों और सफलता के साथ जल संरक्षण में अग्रणी है। | | | इस पहल का उद्देश्य इस सफल मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर दोहराना है। | | राष्ट्रीय महत्व | जल शक्ति अभियान: कैच द रेन अभियान के साथ संरेखित, जल सुरक्षा पर जोर। | | | सतत जल प्रबंधन और राष्ट्रीय प्राथमिकता पर ध्यान। | | महिला सशक्तिकरण | नारी शक्ति से जल शक्ति थीम जल प्रबंधन में महिलाओं की नेतृत्व भूमिका को रेखांकित करती है। | | अपेक्षित परिणाम | - अल्पकालिक: वर्षा जल संचयन संरचनाओं में वृद्धि और जागरूकता। | | | - दीर्घकालिक: जल सुरक्षा में सुधार, गुजरात के मॉडल का दोहराव, जल संकट में कमी। |

