2024 में प्रधानमंत्री मोदी का ब्रुनेई का ऐतिहासिक दौरा
| मुख्य पहलू | विवरण | |-------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | प्रधानमंत्री मोदी की ब्रुनेई यात्रा (3 सितंबर, 2024) | | स्थान | बंदर सेरी बेगवान, ब्रुनेई | | महत्व | भारत-ब्रुनेई राजनयिक संबंधों की स्थापना (10 मई, 1984) के बाद पहली भारतीय PM यात्रा | | राजनयिक संदर्भ | भारत-ब्रुनेई संबंधों की 40 वर्षगांठ का समारोह | | आसियान सदस्यता | ब्रुनेई और सिंगापुर आसियान सदस्य; भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी से संरेखित | | यात्रा के मुख्य आकर्षण | - सुल्तान हजी हसनल बोल्कियाह द्वारा गर्मजोशी से स्वागत | | | - दुनिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राट से मुलाकात | | | - राजकीय दोपहर भोजन, इस्ताना नूरुल इमान पैलेस (दुनिया का सबसे बड़ा महल) | | | - उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद की यात्रा | | भारत-ब्रुनेई संबंध | - 1992 में उच्चायोग की स्थापना | | | - ब्रुनेई भारत-आसियान समन्वयक (2012-2015) | | | - अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहयोग: MoU और ब्रुनेई में ट्रैकिंग स्टेशन | | | - रक्षा सहयोग MoU 2016 में हस्ताक्षरित, 2021 में नवीनीकृत | | भारतीय प्रवासी | ब्रुनेई में ~14,000 भारतीय; स्वास्थ्य और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान | | ब्रुनेई अवलोकन | - बोर्नियो द्वीप पर इस्लामिक सल्तनत | | | - अर्थव्यवस्था कच्चे पेट्रोलियम तेल और प्राकृतिक गैस पर आधारित | | | - OPEC+ का सदस्य | | | - राजधानी: बंदर सेरी बेगवान; मुद्रा: ब्रुनेई डॉलर |

