Banner
WorkflowNavbar

हरियाणा में 10,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

हरियाणा में 10,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
Contact Counsellor

हरियाणा में 10,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

| श्रेणी | विवरण | | :----------------------------- | :------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ | | कार्यक्रम/आयोजन | भारत के प्रधानमंत्री द्वारा हरियाणा में 10,000 करोड़ रुपये की विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शुभारंभ। | | प्रमुख परियोजनाएं | - दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट (यमुनानगर): 8,469 करोड़ रुपये की लागत वाली 800 मेगावाट इकाई की आधारशिला रखी गई। मार्च 2029 तक पूरा होने की उम्मीद, जिससे हरियाणा की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 3,382 मेगावाट हो जाएगी। <br> - गोबर्धन प्लांट (यमुनानगर): मुकरमपुर में 90 करोड़ रुपये के अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी गई। यह प्रति वर्ष 45,000 मीट्रिक टन ठोस कचरे और 36,000 मीट्रिक टन गोबर को संसाधित करेगा। मई 2027 तक पूरा होने की उम्मीद, प्रति वर्ष 2,600 मीट्रिक टन सीबीजी और 10,000 मीट्रिक टन जैव-उर्वरक का उत्पादन होगा। <br> - रेवाड़ी बाईपास: भारतमाला योजना के तहत 1,069 करोड़ रुपये की लागत से उद्घाटन किया गया। यह NH-352 को NH-11 से जोड़ने वाला 14.4 किलोमीटर का चार लेन का बाईपास है। <br> - महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा (हिसार): 410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी गई। | | मुख्य विशेषताएं | - दीनबंधु छोटू राम प्लांट: 233 एकड़ में निर्मित, बिजली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य। <br> - गोबर्धन प्लांट: 7,700 मीट्रिक टन/वर्ष CO₂ उत्सर्जन को कम करता है, लैंडफिल में आग लगने से बचाता है और वायु प्रदूषण को कम करता है। <br> - रेवाड़ी बाईपास: रेवाड़ी शहर को बायपास करके यातायात को सुगम बनाता है। <br> - हिसार हवाई अड्डा टर्मिनल: हरियाणा को अयोध्या धाम से जोड़ने वाली आगामी उड़ानों की घोषणा की गई। | | प्रौद्योगिकियां/योजनाएं | - संपीडित बायोगैस (सीबीजी): कृषि अवशेष, गोबर और नगरपालिका कचरे जैसे जैविक कचरे से उत्पादित। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और कचरे के प्रबंधन में मदद करता है। <br> - गोबर्धन योजना: एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कचरे को धन में बदलने पर केंद्रित है। नोडल विभाग: जल शक्ति मंत्रालय<br> - भारतमाला परियोजना: 2015 में शुरू की गई, जिसका उद्देश्य 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 83,677 किलोमीटर राजमार्गों का विकास करना है। सीमा, तटीय और आर्थिक गलियारे कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। |

Categories