पेरियार टाइगर रिजर्व में संरक्षण के लिए पवन टर्बाइन स्थापित
| पहलू | विवरण | |---------------------------|---------------------------------------------------------------------------| | पहल | पेरियार टाइगर रिजर्व (PTR) में पवन चक्की (विंड टरबाइन) की स्थापना | | उद्देश्य | रियल-टाइम मॉनिटरिंग कैमरों और वाई-फाई कनेक्टिविटी को बिजली प्रदान करना | | स्थान | तेक्कडी, केरल, भारत | | PTR पूर्वी विभाग | 17 वन खंडों को शामिल किया गया है | | पूर्व बिजली स्रोत | वायरलेस संचार और परिचालन आवश्यकताओं के लिए सौर ऊर्जा | | सौर ऊर्जा की चुनौतियाँ| कोहरे भरे मौसम और भारी बारिश के कारण अक्षमता | | PTR अवलोकन | | | आकार | 925 वर्ग किलोमीटर से अधिक | | स्थापना | 1978 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत भारत का 10वां टाइगर रिजर्व | | जैव विविधता | 2,000+ पौधों की प्रजातियाँ, 76 स्तनधारी प्रजातियाँ, 338 पक्षी प्रजातियाँ | | संरक्षण दृष्टिकोण | 81 इको-विकास समितियों के साथ सहभागी संरक्षण | | जीविका फोकस | स्थानीय समुदायों के लिए अवसर प्रदान करना और शिकारियों को परिवर्तित करना | | तकनीकी एकीकरण | कैमरा ट्रैप और वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से रियल-टाइम वन्यजीव निगरानी | | मान्यता | हाल ही में भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले टाइगर रिजर्व के रूप में रैंक किया गया |

