आयुध निर्माण दिवस: भारत की रक्षा निर्माण विरासत
| श्रेणी | विवरण | | --- | --- | | आयुध निर्माणी दिवस | प्रतिवर्ष 18 मार्च को भारत की पहली आयुध निर्माणी, कोसिपोर, कोलकाता (1802) की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है। | | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | - 1775: कोलकाता के फोर्ट विलियम में बोर्ड ऑफ ऑर्डनेंस की स्थापना। <br> - 1787: इशापोर में पहला गनपाउडर फैक्ट्री स्थापित। <br> - 1801: कोसिपोर में गन कैरिज एजेंसी स्थापित, जिसने 18 मार्च 1802 से उत्पादन शुरू किया। | | स्वतंत्रता के बाद विस्तार | - 1947: भारत में 18 आयुध निर्माणियाँ थीं। <br> - 41 निर्माणियों तक विस्तार, जिनमें नालंदा और कोरवा शामिल हैं। <br> - सरकार ने 275 उत्पादों को गैर-प्रमुख वस्तुओं के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया। | | महत्व | - रक्षा की चौथी शाखा के रूप में जाना जाता है, जो थलसेना, नौसेना और वायुसेना को समर्थन प्रदान करता है। <br> - ओएफबी वैश्विक स्तर पर 37वें, एशिया में दूसरे और भारत में सबसे बड़े रक्षा उत्पादक का स्थान रखता है। | | ओएफबी पुनर्गठन (2021) | - अक्टूबर 2021: ओएफबी भंग, इसके कार्य 7 नए रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) को हस्तांतरित किए गए। | | नए रक्षा सार्वजनिक उपक्रम और विशेषज्ञता | 1. एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL): छोटे हथियार और सैन्य ग्रेड हथियार। <br> 2. ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (GIL): पैराशूट और हवाई रक्षा उपकरण। <br> 3. ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (TCL): रक्षा वस्त्र, जूते और सुरक्षात्मक गियर। <br> 4. आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL): युद्धक टैंक और बख्तरबंद वाहन। <br> 5. म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL): गोला-बारूद, विस्फोटक और तोपखाने के गोले। <br> 6. यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL): इंजीनियरिंग घटक और यांत्रिक रक्षा उपकरण। <br> 7. इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL): ऑप्टिक्स, निगरानी और रात्रि दृष्टि प्रणाली। | | भारत की रक्षा क्षमताएं | - आत्मनिर्भर भारत के तहत हथियार और गोला-बारूद में आत्मनिर्भर। <br> - 30 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात। <br> - सुरक्षा चुनौतियों के लिए निरंतर आधुनिकीकरण और शोध एवं विकास (R&D)। | | मुख्य उपलब्धियां | - 12.7 मिमी स्टेबलाइज्ड रिमोट-कंट्रोल्ड गन (SRCG) का विकास। <br> - 14.5/20 मिमी एंटी-मटेरियल राइफल का परिचय। <br> - राइफल्स, गोला-बारूद और युद्धक टैंक का स्वदेशी उत्पादन। | | आयुध निर्माणियों के उद्देश्य | - रक्षा उपकरणों का निर्माण। <br> - उत्पादन प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण। <br> - उन्नत प्रौद्योगिकी में शोध एवं विकास (R&D)। <br> - वैश्विक रक्षा बाजार में विस्तार। |

