ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता
| मुख्य पहलू | विवरण | |-------------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट | ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया एक 21 दिवसीय नक्सल विरोधी अभियान था। यह अभियान माओवादियों के गढ़, करेगुट्टाळु पहाड़ी (KGH) क्षेत्र में चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप शीर्ष नेता नंबला केशव राव सहित 27 नक्सलियों की मौत हुई, साथ ही 54 गिरफ्तारियां और 84 आत्मसमर्पण हुए। घालगम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस ने समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस ऑपरेशन में पहली बार तीन दशकों में किसी सीपीआई-माओवादी के महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया। | | नंबला केशव राव | वह सीपीआई-माओवादी के महासचिव थे और 2010 के दंतेवाड़ा नरसंहार के प्रमुख नेता थे, जिसमें 76 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई थी। गुरिल्ला युद्ध और आईईडी बनाने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाने वाले, उनकी मृत्यु माओवादी अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका है। | | सरकारी उपाय | प्रमुख रणनीतियों में ऑपरेशन स्टीपलचेज (1971) और ऑपरेशन ग्रीन हंट (2009) शामिल हैं। ग्रेहाउंड्स और बस्तरिया बटालियन जैसी विशेष बलों का गठन किया गया। समाधान रणनीति नेतृत्व, खुफिया जानकारी और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित है। बुनियादी ढांचे के विकास में रोड रिक्वायरमेंट प्लान-I (RRP-I) और किलाबंद पुलिस स्टेशन शामिल हैं। कौशल विकास को रोशनी योजना और आईटीआई के माध्यम से संबोधित किया जाता है। सामाजिक-आर्थिक पहलों में वन अधिकार अधिनियम (2006) और आकांक्षी जिला कार्यक्रम (2018) शामिल हैं। | | लाल गलियारा / रेड कॉरिडोर | लाल गलियारा/ रेड कॉरिडोर उन क्षेत्रों को संदर्भित करता है जो नक्सलवाद से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जिनमें छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल शामिल हैं। |

