राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2025: समावेशी विकास और सतत पर्यटन
| पहलू | विवरण | |-------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | राष्ट्रीय पर्यटन दिवस | | तारीख | २५ जनवरी | | उद्देश्य | भारत में जिम्मेदार, स्थायी और सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देना | | थीम (२०२५) | समावेशी विकास के लिए पर्यटन | | फोकस क्षेत्र | आर्थिक विकास, समावेशिता, स्थायी प्रथाएं | | इतिहास | १९४८ में एक समर्पित पर्यटन विभाग के निर्माण के साथ स्थापित | | मुख्य पहल | ट्रैवल फॉर लाइफ़, स्वदेश दर्शन योजना, प्रसाद योजना, इंक्रेडिबल इंडिया अभियान २.० | | आर्थिक प्रभाव | पर्यटन एक तेजी से बढ़ता उद्योग है, जो जीडीपी और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है | | सांस्कृतिक संरक्षण | भारत के ४३ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों और समृद्ध परंपराओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है | | स्थायी विकास | पर्यावरण-अनुकूल यात्रा प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को समर्थन देता है | | सांस्कृतिक आदान-प्रदान | अंतरराष्ट्रीय समझ और विविध संस्कृतियों की सराहना को बढ़ावा देता है | | वैश्विक रैंकिंग (२०२४) | ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स (टीटीडीआई) में ११९ देशों में से ३९वां स्थान | | पिछली रैंकिंग (२०२१) | ५४वां | | विदेशी यात्रियों द्वारा शीर्ष राज्य (२०२०) | महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल, बिहार, गोआ |

