राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस: एम. विश्वेश्वरैया और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता
| पहलू | विवरण | |----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | आयोजन | राष्ट्रीय अभियंता दिवस | | तिथि | 15 सितंबर | | उद्देश्य | इंजीनियरों के योगदान को सम्मानित करना और एम. विश्वेश्वरैया की जयंती को मनाना। | | इतिहास | 1968 में एम. विश्वेश्वरैया के इंजीनियरिंग योगदान को समर्पित घोषित किया गया। | | एम. विश्वेश्वरैया के बारे में | - जन्म: 15 सितंबर, 1861, कर्नाटक में। | | | - प्रसिद्ध सिविल इंजीनियर, जिन्होंने कृष्णा राजा सागर बांध और खड़कवासला बांध जैसी परियोजनाओं में योगदान दिया। | | | - बैंगलोर इंजीनियरिंग कॉलेज (बाद में विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना की। | | | - पुरस्कार: 1955 में भारत रत्न से सम्मानित। | | 2024 थीम | एक स्थायी भविष्य के लिए नवाचार | | महत्व | - इंजीनियरों के योगदान की मान्यता। | | | - भावी इंजीनियरों के लिए प्रेरणा। | | | - इंजीनियरिंग क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा। | | | - दूरदर्शी नेतृत्व की स्मृति। | | | - इंजीनियरिंग पेशे के बारे में जागरूकता और शिक्षा। | | वैश्विक आयोजन | विश्व अभियंता दिवस 4 मार्च को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। |

