नासा और इसरो ने NISAR सैटेलाइट के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों को हल करने के लिए सहयोग किया
| पहलू | विवरण | |-------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------| | शामिल देश | भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) | | पहल | नासा-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) | | उद्देश्य | जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटना | | घोषणा | व्हाइट हाउस द्वारा की गई | | यात्रा | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान की नई दिल्ली में दो दिवसीय यात्रा | | नई साझेदारी | यूएस स्पेस फोर्स और भारतीय स्टार्टअप्स 114ai और 3rdiTech के बीच | | साझेदारी का फोकस | अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता, डेटा फ्यूजन तकनीक, इंफ्रा-रेड सेंसर सेमीकंडक्टर निर्माण | | उपग्रह | NISAR (नासा ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार) | | पूर्णता स्थिति | लगभग पूर्ण | | लॉन्च तैयारी तिथि | अप्रैल के अंत में निर्धारित की जाएगी | | लॉन्च स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर | | उपग्रह की विशेषताएं | दो प्रकार के सिंथेटिक एपर्चर रडार को जोड़ता है | | प्रदान किए गए माप | बर्फ की चादरों, ग्लेशियरों, वेटलैंड्स, जंगलों, ज्वालामुखियों और भूकंपीय दोषों के आसपास के भूमि में परिवर्तन |

