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पंजाबी उपन्यास के जनक: नानक सिंह

पंजाबी उपन्यास के जनक: नानक सिंह
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पंजाबी उपन्यास के जनक: नानक सिंह

| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | शीर्षक | पंजाबी उपन्यास के जनक | | नाम | नानक सिंह | | जन्म | 4 जुलाई, 1897, झेलम (अब पाकिस्तान में) | | मूल नाम | हंस राज | | प्रारंभिक जीवन | एक गरीब हिंदू परिवार से थे, सिख धर्म अपनाया, स्वयं-शिक्षित लेखक | | प्रमुख कृतियाँ | 50 से अधिक पुस्तकें, जिनमें उपन्यास, लघु कहानियाँ और नाटक शामिल हैं | | प्रसिद्ध उपन्यास | चित्ता लहू, पवित्र पापी, इक मियां दो तलवारें, अध खिड़्या फुल, खून दे सोहिले | | योगदान | पंजाबी साहित्य में आधुनिक विषय, सामाजिक मुद्दे और स्वतंत्रता संग्राम को प्रस्तुत किया | | प्रमुख प्रभाव | पंजाबी साहित्य को धार्मिक ग्रंथों से आधुनिक कहानी कहने की ओर मोड़ा | | स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका | जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रेरित होकर खोमेईनी विषयांस लिखा, स्वतंत्रता समर्थन में गिरफ्तार | | पुरस्कार | पंजाब का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार (1960), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1962) | | बॉलीवुड अनुकूलन | पवित्र पापी 1970 में फिल्म के रूप में बनाया गया | | विरासत | 1998 में डाक टिकट जारी किया गया, 1997 में शताब्दी मनाई गई, उनकी कृतियाँ लोकप्रिय बनी हुई हैं | | मृत्यु | 28 दिसंबर, 1971 |

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