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एमपी-राजस्थान चीता संरक्षण पैनल

एमपी-राजस्थान चीता संरक्षण पैनल
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एमपी-राजस्थान चीता संरक्षण पैनल

| पहलू | विवरण | |-----------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | समाचार घटना | मध्य प्रदेश-राजस्थान संयुक्त पैनल का चीता संरक्षण पर गठन | | संयुक्त समिति का कारण | मध्य प्रदेश के चीते राजस्थान में भटक गए | | समिति की भूमिका | - कूनो नेशनल पार्क (KNP) और गांधी सागर अभयारण्य से चीतों के पुनर्वास के लिए उपयुक्त क्षेत्रों का आकलन<br>- आवास सुधार के लिए सिफारिशें<br>- संयुक्त पर्यटन मार्गों का मूल्यांकन | | मुख्य स्थान | - कूनो नेशनल पार्क (KNP), मध्य प्रदेश<br>- गांधी सागर अभयारण्य<br>- राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य<br>- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान | | चीता पुनर्प्रवेश परियोजना | - सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते KNP लाए गए<br>- फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से बारह चीते लाए गए<br>- 1952 से विलुप्त चीता आबादी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य | | वर्तमान चुनौतियाँ | - वयस्क चीतों और शावकों की मौत<br>- KNP में वर्तमान में 24 चीते हैं, जिनमें शावक शामिल हैं | | कूनो नेशनल पार्क (KNP) | - मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित<br>- 1981 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित<br>- 2018 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित |

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