महाराष्ट्र में उल्कापिंड: एक दुर्लभ खगोलीय घटना
| श्रेणी | विवरण | |---------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | दो उल्कापिंड महाराष्ट्र के बीड गाँव में गिरे। | | जाँच | एमजीएम एपीजे अब्दुल कलाम एस्ट्रो एंड स्पेस साइंस सेंटर, छत्रपती संभाजीनगर द्वारा की गई। | | विश्लेषण | गुरुत्वाकर्षण, चुंबकीय गुणों और अन्य मापदंडों के आधार पर; एक क्षुद्रग्रह के टुकड़े। | | विरलता | कई वर्षों में मराठवाड़ा में पहली दर्ज उल्कापिंड गिरने की घटना। | | उल्कापिंड की परिभाषा | अंतरिक्ष मलबे का एक ठोस टुकड़ा जो वायुमंडल में प्रवेश करने और पृथ्वी की सतह पर गिरने से बच जाता है। | | मुख्य अंतर | उल्कापिंड (अंतरिक्ष में), उल्का (पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है), उल्कापिंड (पृथ्वी की सतह पर गिरती है)।|

