नाशिक में आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घोषणा | महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने नासिक जिले में एक आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। | | स्थान | नासिक जिला, महाराष्ट्र। | | उद्देश्य | किंडरगार्टन से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, जिसमें आदिवासी छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। | | सीट आरक्षण | 80% सीटें आदिवासी छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। | | राज्यपाल की भूमिका | महाराष्ट्र विश्वविद्यालय अधिनियम 1984 के अनुसार, राज्यपाल राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के चांसलर होते हैं और शैक्षिक संस्थानों की घोषणा कर सकते हैं। | | लक्ष्य | - आदिवासी छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना।<br>- अलग-थलग रहने वाले आदिवासियों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करना।<br>- विशेष रूप से नासिक के औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार क्षमता को बढ़ाना।<br>- क्षेत्र में सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करना। | | सुविधाएं | इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षा के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं। | | भारत में मौजूदा आदिवासी विश्वविद्यालय | - इंदिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय।<br>- आंध्र प्रदेश का केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय। |

