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महाराष्ट्र में लोक कलाओं के लिए शाहिर साable अनुसंधान केंद्र

महाराष्ट्र में लोक कलाओं के लिए शाहिर साable अनुसंधान केंद्र
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महाराष्ट्र में लोक कलाओं के लिए शाहिर साable अनुसंधान केंद्र

| पहलू | जानकारी | |-------------------------------|--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | शाहीर साबले अनुसंधान केंद्र की स्थापना | | घोषणाकर्ता | महाराष्ट्र सरकार | | स्थान | पी. एल. देशपांडे महाराष्ट्र कला अकादमी, मुंबई | | उद्देश्य | महाराष्ट्र की प्रयोगात्मक और लोक कलाओं का अध्ययन और अनुसंधान करना | | मुख्य ध्यान | लोक कलाओं का व्यवस्थित वर्गीकरण, विश्लेषण और शैक्षणिक अन्वेषण | | अध्ययन की जाने वाली कला रूप | शाहिरी, पोवाडा, जागरण, गोंधळ, तमाशा, वग नाट्य, दशावतारी, भारुड, कीर्तन | | लक्षित दर्शक | स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी विद्वान | | किसके नाम पर | शाहीर कृष्णराव साबले, महान मराठी लोक कलाकार | | साबले का योगदान | "जय जय महाराष्ट्र माझा" (राज्य गीत, 2023) की रचना, पद्म श्री (1998), संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में प्रमुख व्यक्ति |

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