महाराष्ट्राने रत्नागिरी गीओग्लिफ्स आणि पेट्रोग्लिफ्सला संरक्षित स्मारक घोषित केले
| पहलू | विवरण | |--------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | घोषणा | महाराष्ट्र प्राचीन स्मारक अधिनियम, 1960 के तहत रत्नागिरी में मौजूद जियोग्लिफ्स और पेट्रोग्लिफ्स को संरक्षित घोषित किया गया है। | | स्थान | रत्नागिरी, महाराष्ट्र। | | कलाकृतियाँ | 70 स्थानों पर 1,500 से अधिक जियोग्लिफ्स और पेट्रोग्लिफ्स। | | यूनेस्को का दर्जा | सात स्थान यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। | | पेट्रोग्लिफ्स | रत्नागिरी के द्यूद में पाए गए; आयु: 20,000-10,000 वर्ष; गैंडा, हिरण, बंदर, गधा और पैरों के निशान के चित्र; संरक्षित क्षेत्र: 210 वर्ग मीटर। | | जियोग्लिफ्स | 900 किमी कोंकण तट (महाराष्ट्र और गोवा) के साथ फैले हुए; रत्नागिरी में 1,500 से अधिक जियोग्लिफ्स मौजूद हैं। | | महत्व | लैटराइट पठारों पर अद्वितीय सांद्रता; प्रागैतिहासिक जीवन के विविध रूपों को दर्शाया गया है। |

