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महाराष्ट्र में संपत्ति पंजीकरण के लिए 'एक राज्य, एक पंजीकरण' नीति

महाराष्ट्र में संपत्ति पंजीकरण के लिए 'एक राज्य, एक पंजीकरण' नीति
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महाराष्ट्र में संपत्ति पंजीकरण के लिए 'एक राज्य, एक पंजीकरण' नीति

| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | महाराष्ट्र सरकार ने "एक राज्य, एक पंजीकरण" योजना शुरू की | | तिथि | 1 मई 2025 | | उद्देश्य | महाराष्ट्र भर में संपत्ति पंजीकरण को सरल बनाना | | मुख्य विशेषता | संपत्ति दस्तावेजों को स्थान की परवाह किए बिना, किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत किया जा सकता है | | लाभार्थी | एनआरआई (अनिवासी भारतीय), वरिष्ठ नागरिक, कानूनी पेशेवर, रियल एस्टेट एजेंट | | तकनीकी उन्नयन | जीआईएस-आधारित ई-माप, ड्रोन-आधारित भूमि मानचित्रण, ब्लॉकचेन-सक्षम भूमि रिकॉर्ड | | तकनीकी सहायता | राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) | | एनआईसी की भूमिका | बैकएंड सिस्टम को आधुनिक बनाना, सटीकता में सुधार, लेन-देन को गति देना, धोखाधड़ी को रोकना | | एनआईसी का अवलोकन | 1976 में स्थापित, नई दिल्ली में स्थित, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत | | पुरानी प्रणाली के मुद्दे | पंजीकरण स्थानीय उप-पंजीयक कार्यालय तक सीमित था, जिससे देरी और असुविधा होती थी |

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